त्याग व तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति थे ब्रह्मलीन महंत डोंगर गिरी-श्रीमहंत रविन्द्रपुरी

Dharm Haridwar News
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अमरीीश

हरिद्वार, 30 दिसंबर। मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष व निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा है कि संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता है। मायापुर स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी में ब्रह्मलीन महंत डोंगर गिरी महाराज के श्रद्धांजलि समारोह के दौरान श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत डोगर गिरी महाराज त्याग व तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति थे।

जिन्होंने अपने जीवन काल में सदैव भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाकर उन्हें धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। राष्ट्र कल्याण में उनका अहम योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने कहा कि महापुरूष केवल शरीर त्यागते हैं। राष्ट्र कल्याण के लिए उनकी आत्मा सदैव व्यवहारिक रूप से उपस्थित रहती है। ब्रह्मलीन महंत डोंगर गिरी महाराज एक दिव्य महापुरूष थे। जिन्होंने जीवन पर्यन्त अखाड़े की परम्पराओं का निर्वहन करते हुए सदैव समाज की सेवा की। ऐसे महापुरूषों को संत समाज नमन करता है। आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी बालकानन्द गिरी महाराज ने कहा कि मां गंगा की सेवा के प्रति सदैव समर्पित रहने वाले ब्रह्मलीन महंत डोंगर गिरी का जीवन निर्मल जल के समान था।

सभी को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। महामण्डलेश्वर स्वामी सोमेश्वरानन्द गिरी महाराज ने कहा कि संत का जीवन सदैव लोककल्याण के लिए समर्पित रहता है। ब्रह्मलीन दिव्य मूर्ति महंत डोंगर गिरी महाराज का पूरा जीवन लोकल्याण को समर्पित रहा है। श्री दक्षिण काली पीठाधीश्वर म.म.स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म व भारतीय संस्कृति के उत्थान में ब्रह्मलीन महंत डोंगर गिरी महाराज का योदव स्मरणीय रहेगा। श्रीमहंत लखनगिरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत डोंगर गिरी महाराज एक महान संत थे। जिन्होंने अपने तप व विद्वता के माध्यम से सनातन धर्म व भारतीय संस्कृति का प्रचार संपूर्ण जीवन किया।

सभी को उनके दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए सनातन धर्म के उत्थान व राष्ट्र कल्याण में अपना योगदान करना चाहिए। स्वामी निरजानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि महापुरूषों ने सदैव समाज को नई दिशा प्रदान की है। ब्रह्मलीन महंत डोंगर गिरी महाराज समाज के प्रेरणा स्रोत थे। गंगा तट से अनेकों सेवा प्रकल्प चलाकर उन्होंने सदैव राष्ट्र कल्याण में अहम योगदान प्रदान किया। जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता। आह्वान अखाड़े के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत सत्यगिरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत डोंगर गिरी महाराज एक तपस्वी संत थे।

जिन्होंने हमेशा संत महापुरूषों की सेवा कर समाज को मानवता का संदेश दिया। इस दौरान स्वामी महंत देवानंद सरस्वती महाराज, स्वामी ललितानंद गिरी, महंत मनीष भारती, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी हरिहरानंद, आलोक गिरी, दिगंबर बलवीर पुरी, स्वामी रघुवन, स्वामी रविपुरी, दिगंबर आशुतोष पुरी, स्वामी मधुरवन, महंत दिनेश दास, स्वामी पूर्णानंद गिरी, डा.सुनील कुमार बत्रा, अनिल शर्मा, प्रदीप शर्मा आदि सहित बड़ी संख्या में संतजन व श्रद्धालु मौजूद रहे।

फोटो नं.6-श्रद्धांजलि सभा के दौरान मौजूद संतजन

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