विकास नया है प्राचीन स्मारक वर्षों पुराने हैं ,लोगों की आस्था का सवाल है:-विधायक उमेश कुमार

Haridwar News
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तनवीर

मजारों की शिफ्टिंग संभव नहीं:-शाह यावर अली साबरी

हरिद्वार में सरकारी संपत्तियों पर मजारों को हटाने की कार्रवाई से नाराज मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों ने खानपुर के निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के नेतृत्व में रोशनाबाद स्थित डीएम कैंप कार्यालय पहुंचकर अपना पक्ष रखा।

इस मौके पर बड़ी संख्या में मौजूद मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों ने डीएम के सामने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि जिला प्रशासन की इस कार्रवाई में धार्मिक स्थलों को निशाना ना बनाया जाए। जो दरगाहें वर्षों पुरानी है और सभी धर्म समुदाय की आस्था भी उनसे जुड़ी हैं।

खानपुर विधायक उमेश कुमार ने कहा कि डीएम से वार्ता हुई और जो प्राचीन स्मारक है। जहां पर लोग बहुत पुराने समय से अपनी आस्था प्रकट करते आ रहे हैं और जो विकास है जो सड़कें हैं वह आज आई है। लेकिन अगर कोई चीज 50 साल पहले से है तो हमें उसके प्रति संवेदनशील होना चाहिए। संवेदनशील हमें सभी धर्मों की आस्था पर होना चाहिए।

किसी भी समाज की आस्था का कोई प्रतीक है उसके प्रति हमें संवेदनशील होकर सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज के साथ बैठकर एक रास्ता निकालने की बात करनी चाहिए। बहुत सी घटनाएं पहाड़ में हुई है जिनसे लोगों में आक्रोश हुआ है। वह गलतियां हो सकती हैं हमें हर धर्म के प्रति सम्मान की दृष्टि रखनी चाहिए। कई सारे मुद्दों पर बातचीत हुई है और क्या होना चाहिए वह प्रशासन को अवगत कराया जाएगा।प्रशासन ने हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का हवाला दिया औहमने भी वक्फ बोर्ड की जमीन होने का दस्तावेज भी दिया है

पत्रकारों से बात करते हुए कलियर शरीफ दरगाह के सज्जादा नशीन के छोटे भाई शाह यावर अली साबरी ने बताया कि हरिद्वार में जो मजार तोड़ी जा रही हैं उस सिलसिले में डीएम साहब से मिले हैं जिसको लेकर नोटिस मिला था।उन्होंने डीएम के समक्ष कहा कि ऐसी कार्यवाही ना की जाए क्योंकि यह मजार हमारे बुजुर्गानेदीन के हैं। और यह मजार बहुत पुराने हैं और उत्तराखंड की गंगा जमुनी तहजीब को भी कायम करते हैं

इनसे हर धर्म की आस्था जुड़ी हुई है। हर धर्म के लोग मजारों पर आते हैं अपनी मन्नतें मांगते हैं। उन्होंने हमारे समक्ष मजार की शिफ्टिंग का प्रस्ताव रखा लेकिन यह हमारे समुदाय ने निरस्त कर दिया है, क्योंकि मजार की शिफ्टिंग हो नहीं सकती।उन्होंने डीएम साहब से आग्रह किया कि कुछ ऐसा उपाय निकाला जाए, जिससे विकास भी बाधित ना हो और मजार का निशान भी बाकी रहे।

नामित पार्षद हारून खान, हाजी शादाब कुरेशी, हाजी जमशेद खान ने कहा कि दरगाहें हिंदू मुस्लिम एकता सौहार्द का संदेश देती हैं। सभी धर्म समुदाय की आस्था इन से जुड़ी है। प्रशासन को सकारात्मक संदेश देना चाहिए।वर्षों पुरानी दरगाह है लोगों की आस्था आहत ना हो।

इस दौरान नामित पार्षद हारून खान हाजी शादाब कुरैशी हाजी जमशेद खान , वाजिद अली, अथहर अंसारी,अदील, असद साबरी, फैजल, नावेद,फिरोज, अंसार राशिद आदि मौजूद रहे।

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