अमरीश
हरिद्वार, 8 अक्टूबर। पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि वर्तमान में जो हालात हैं। उसमें व्यापारी, खोखा पटरी दुकानदार, होटल व्यवसायी, पर्यटन कारोबारियों सहित सभी वर्ग परेशान हैं। सभी सरकार से राहत की अपेक्षा कर रहे हैं। लेकिन सरकार कुछ करने को तैयार नहीं है। उत्तराखण्ड में बिजली, पानी का पर्याप्त भण्डार होने के बावजूद लोगों को भारी भरकम बिलों का भुगतान करना पड़ रहा है। जबकि दिल्ली जैसे राज्य लोगों को बिजली मु्फ्त उपलब्ध करा रहे हैं। प्रैस क्लब में पत्रकारों से वार्ता के दौरान राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए किशोर उपाध्याय ने कहा कि प्रदेश भगवान भरोसे चल रहा है। बाहर से आने वाले लोगों को बार्डर पर परेशान किया जा रहा है।
भूखमरी की कगार पर पहुंच चुके लोग आत्महत्या जैसे कदम उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार केदारनाथ आपदा के समय कांग्रेस सरकार ने लोगों को राहत दी थी। उसी प्रकार होटल, दुकानों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों का दो वर्ष का टैक्स माफ किया जाए। नगर निगम भी टैक्स माफी करे। परिहवन व्यवसायियों को दी जा रही टैक्स छूट को दो साल तक बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा के व्यवसायीकरण के चलते गरीब अपने बच्चों को आॅनलाईन शिक्षा भी दिला नहीं पा रहे हैं। निजी स्कूलों की फीस माफी के संबंध में उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार व स्कूलों को मिलकर काम करना होगा।
फीस माफी के लिए आधी मदद सरकार उपलब्ध कराए और बाकी आधा खर्च स्कूल वहन करे। जिससे अभिभावकों को राहत मिल सके। कोरोना के चलते खराब हुए आर्थिक हालातों को देखते हुए गरीब व मध्यम वर्ग परिवारों को सरकार 10 हजार रूपए महीना दे। पुश्तैनी हक हकुक बहाल किए जाने के लिए चलाए जा रहे वनाधिकार आंदोलन के संबंध में किशोर उपाध्याय ने कहा कि इसके लिए राज्य आंदोलन की तर्ज पर आंदोलन चलाए जाने की जरूरत है।
उन्होंने मांग करते हुए कहा कि सरकार राज्य के लोगों के पुश्तैनी हक हकुक बहाल करे। उत्तराखण्ड के छात्रों को केंद्रीय सेवाओं में आरक्षण दिया जाए। जंगली पशुओं द्वारा मारे जाने पर पर्याप्त मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। पत्रकारवार्ता के दौरान तेलूराम प्रधान, रविश भटीजा, ओपी चैहान, अंशुल श्रीकुंज, अंजु द्विवेदी, विभाष मिश्रा, रवि बहादुर, शाहनवाज कुरैशी, विशाल राठौर, सुमित तिवारी आदि सहित कई कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।