मानवता की रक्षा को समर्पित रहा गुरूनानक देव का जीवन-महंत जसविन्दर सिंह

Haridwar News
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राकेश वालिया

हरिद्वार 30 नवम्बर। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल में सिख धर्म के संस्थापक गुरूनानक देव का जन्मोत्सव श्रद्धापूर्वक मनाया गया इस दौरान अखाड़े स्थित गुरूद्वारे में शबद कीर्तन व अखण्ड पाठ का आयोजन किया गया। श्रद्धालु भक्तों को सम्बोधित करते हुए कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि गुरूनानक देव ने समाज में फैली कुरितियों को दूर कर समाज को नई दिशा प्रदान की। उन्होनंे सदैव मानव सेवा की प्रेरणा देकर समाज का मार्ग दर्शन किया और जात पात व ऊंच नीच की प्रथा को समाप्त करने व सभी को समान दृष्टि से देखने की दिशा में कदम उठाते हुए लंगर की प्रथा शुरू की थी।

गुरूनानक देव की वाणी भक्ति ज्ञान और वैराग्य से ओत प्रोत है। उनके आदर्षो को अपनाकर सभी को मानव सेवा में अपना अहम योगदान प्रदान करना चाहिये। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के उपाध्यक्ष महंत देवेन्द्र सिंह शास्त्री महाराज ने कहा कि गुरूनानक देव एक महान क्रान्तिकारी समाज सुधारक और राष्ट्रवादी गुरू थे। जिन्होंने सदैव रूढ़ियों और संस्कारों का विरोध कर समाज को ज्ञान की प्रेरणा दी। वे अपने व्यक्तित्व में दार्शनिक, समाज सुधारक और देश भक्त सभी गुण समेटे हुए थे। गुरूनानक देव के उत्तम विचार आज भी प्रसांगिक है और सभी के जीवन में बदलाव लाकर जीवन को उन्नति की ओर अग्रसर करने योग्य है। महंत अमनदीप सिंह महाराज ने कहा कि दुनिया में किसी भी व्यक्ति को भ्रम में नहीं रहना चाहिये। बिना गुरू के परमात्मा की प्राप्ति असंभव है। गुरूनानक देव एक अवतारी महापुरूष थे जिन्होनंे समाज में फेले अज्ञानरूपी अंधकार को दूर कर मानवता को प्रकाश की ओर अग्रसर किया। वे किसी धर्म विशेष के नहीं अपितु सम्पूर्ण मानवता के संरक्षक थे। प्रत्येक व्यक्ति को उनके आदर्शो को अपनाकर राष्ट्र कल्याण के लिए तत्पर रहना चाहिये। इस अवसर पर महंत सतनाम सिंह, महंत खेम सिंह, संत जसकरण सिंह, संत सुखमन सिंह, संत तलविन्दर सिंह, संत विष्णु सिंह, संत रामस्वरूप सिंह, संत निर्मल सिंह, महंत रंजय सिंह आदि मौजूद रहे।

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