तनवीर
समय पर सूचना नहीं दिए जाने पर राज्य सूचना आयोग ने लगाया शिवालिकनगर नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी पर 25 हजार रूपए जुर्माना
हरिद्वार, 11 जुलाई। एलईडी स्ट्रीट लाइट खरीद संबंधी समय पर सूचनाएं उपलब्ध न कराने पर उत्तराखण्ड सूचना आयोग ने नगरपालिका शिवालिकनगर के अधिशासी अधिकारी एवं लोकसूचना अधिकारी पर पच्चीस हजार रूपए का जुर्माना लगाया है। सुभाषनगर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता त्रिलोकचन्द्र भट्ट ने सूचना के अधिकार तहत नवंबर 2020 में नगरपालिका के लोक सूचना अधिकारी एवं अधिशासी अधिकारी से एलईडी स्ट्रीट लाइट खरीद संबंधी दस बिन्दुओं पर समयबद्ध सूचना मांगी थी। लेकिन लोक सूचना अधिकारी ने उन्हें कोई सूचना नहीं दी।
विभागीय अपीलीय अधिकारी के समक्ष प्रथम अपील दायर करने के बाद भी उनकी अपील नहीं सुनी गई। जिसके बाद फरवरी 2021 में त्रिलोक चन्द्र भट्ट द्वारा शिवालिकनगर नगर पालिका के लोकसूचना अधिकारी और प्रथम विभागीय अपीलीय अधिकारी के विरूद्ध उत्तराखण्ड सूचना आयोग देहरादून में द्वितीय अपील प्रेषित की। उत्तराखण्ड सूचना आयोग ने अपीलार्थी को डेढ़ साल तक सूचना न दिये जाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए लोक सूचना अधिकारी और विभागीय अपीलीय अधिकारी को 30 मई 2022 को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
आयोग का नोटिस मिलते ही लोक सूचना अधिकारी ने आनन फानन में अपीलार्थी को आधी अधूरी और अस्पष्ट सूचनाएं भेज दी। लेकिन दोनों अधिकारियों द्वारा अपीलार्थी को अब तक सूचनाएं उपलब्ध न कराये जाने और प्रथम अपील न सुने जाने पर कोई स्पष्टीकरण नही दिया। उत्तराखण्ड सूचना आयोग देहरादून में हुई सुनवाई में लोक सूचना अधिकारी व अधिशासी अधिकारी अंकित राणा मामले की सुनवाई कर रहे राज्य सूचना आयुक्त अर्जुन सिंह के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं हुये और न ही उन्होंने अपने समकक्ष अथवा एक पद नीचे के अधिकारी को प्रतिनिधि नामित करते हुए भेजा।
इसके विपरीत उन्होंने एक आउट सोर्स कर्मी प्रथम कुमार को आयोग में होने वाली सुनाई में भेज दिया। सूचना आयोग ने समयबद्ध सूचनाएं न देने और सूचना आयुक्तों के आदेशों के संबंध में सजगता और जागरूकता की कमी के साथ इसे घोर लापरवाही मानते हुए उन पर 25 हजार रूपया जुर्माना लगा दिया। राज्य सूचना आयुक्त ने आदेश दिया है कि यह राशि तीन माह के भीतर राजकोष में जमा की जाय।
जुर्माना राशि जमा न कराये जाने पर लोक प्राधिकारी नगर पालिका परिषद को उनके वेतन से जुर्माने की राशि की कटौती के आदेश भी दिये गये हैं। आयोग ने सूचना का अधिकार अधिनियम के प्रावधानों को गभीरता से न लेने और भट्ट की प्रथम अपील का निस्तारण न करने पर प्रथम विभागीय अपीलीय अधिकारी के विरूद्ध भी अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु लोक प्राधिकारी को संस्तुति भेजी है।