गरीबों की सेवा ही सच्ची ईश्वर पूजा है-स्वामी आनन्द भास्कर

Dharm
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राकेश वालिया

सेवा कार्यो में उल्लेखनीय भूमिका निभा रहा उदासीन रामधाम साधना ट्रस्ट 

हरिद्वार, 3 मई। लाॅकडाउन होने के बाद सेवा कार्यो में धर्मनगरी का संत समाज अग्रणी भूमिका निभा रहा है। लाॅकडाउन के पहले दिन से ही सेवा कार्यो में जुटे निरंजनी अखाड़ा मार्ग स्थित उदासीन रामधाम साधना ट्रस्ट रामधाम गंगेश्वर धाम की ओर से प्रतिदिन हजारों गरीब, निराश्रितों व मजदूरों को भोजन कराया जा रहा है। ट्रस्ट के अध्यक्ष स्वामी आनन्द भास्कर महाराज ने कहा कि गरीबों की सेवा ही सच्ची ईश्वर पूजा है। कोरोना वायरस के चलते गरीबों के सामने बड़ी कठिन समस्या उत्पन्न हो गयी है। प्रतिदिन मजदूरी करने वाले परिवार के लिए भोजन तक जुटाने में असमर्थ हो गए हैं।

इसको देखते हुए लाॅकडाउन होने पर सेवा कार्यो की पहल करते हुए ट्रस्ट की ओर से प्रतिदिन हजारों जरूरतमंद लोगों को भोजन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक लाॅकडाउन जारी रहेगा भोजन सेवा निर्बाध रूप से जारी रहेगी। स्वामी वेदानन्द महाराज ने कहा कि समाज का मार्गदर्शन करने वाला संत समाज गरीब, असहायों की सेवा के लिए सदैव तत्पर रहा है।

कोरोना वायरस जैसी महामारी से निपटने के लिए सभी को मिलजुल कर प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि भोजन प्रत्येक व्यक्ति की सबसे पहली आवश्यकता है। लेकिन लाॅकडाउन होने की वजह से गरीब मजदूर के लिए भोजन जुटाना मुश्किल हो रहा है। धर्मनगरी होने की वजह से हरिद्वार में बड़ी संख्या में निराश्रित, फक्कड़ बाबा भी निवास करते हैं। आज यह सब संकट में है। ट्रस्ट के माध्यम से इन सभी की मदद की जा रही है। आश्रम वाहनों के जरिए शहर के विभिन्न हिस्सों में जरूरतमंद परिवारों तक भी भोजन पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस संकटकालीन समय में सभी को सेवा कार्यो में सहयोग करना चाहिए। म.म.स्वामी कपिल मुनि महाराज ने कहा कि शास्त्रों में अन्नदान की बड़ी महिमा बतायी गयी है। कोरोना वायरस की वजह से समाज के गरीब तबके के लिए जो परिस्थितियां उत्पन्न हो गयी हैं। उसमें अन्नदान का महत्व और भी बढ़ गया है।

महाराष्ट्र और यूपी में हुई संतों की हत्या पर रोष व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि षड़दर्शन साधु समाज इस कृत्य की घोर निंदा करता है। सरकार को संतों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए। स्वामी दिव्यानन्द महाराज ने कहा कि संकट की इस घड़ी में संत महापुरूषों के तप बल व निस्वार्थ सेवा भाव से समाज को प्रेरणा मिल रही है। विश्व की आध्यात्मिक राजधानी हरिद्वार में किसी को भी भूखा नहीं रहने दिया जाएगा। इस दौरान स्वामी दामोदर शरण दास महाराज, स्वामी दामोदर दास महाराज, महंत निर्मलदास, महंत जयेंद्रमुनि, स्वामी गंगा प्रसाद, महंत प्रेमदास, स्वामी निर्मलदास, महंत दर्शनदास आदि मौजूद रहे। 


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