राकेश वालिया
हरिद्वार, 8 दिसम्बर। पुराना रानीपुर मोड़ स्थित श्री कृष्णा आश्रम में महंत बिहारी शरण महाराज के संयोजन में आयोजित गुंरू स्मृति महोत्सव में संत समाज ने गोलोकवासी महंत हेमकान्त शरण महाराज की दसवीं पुण्यतिथी पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनके दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए मानव सेवा का संकल्प लिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महंत रघुवीर दास महाराज ने कहा कि संत समाज के प्रेरणा स्रोत गोलोकवासी महंत हेमकान्त शरण दिव्य महापुरूष थे। समाज को धर्म व अध्यात्म की प्रेरणा देने तथा सद्मार्ग पर अग्रसर करने में उनका अतुलनीय योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा।
सभी को उनकी शिक्षाओं तथा विचारों को अनुकरण करते हुए मानव कल्याण में योगदान करने का संकल्प लेना चाहिए। महंत प्रेमदास महाराज ने कहा कि धर्म और अध्यात्म के महान विद्वान गोलोकवासी महंत हेमकांत शरण का जीवन निर्मल जल के समान था। सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में उनका अभूतपूर्व योगदान रहा। महंत बिहारी शरण महाराज ने कार्यक्रम में शामिल हुए संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पूज्य गुरूदेव महंत हेमकान्त शरण महाराज विलक्षण संत थे।
वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें गुरू के रूप में महंत हेमकान्त शरण महाराज का सानिध्य प्राप्त हुआ। पूज्य गुरूदेव की शिक्षाओं के अनुसार आश्रम की सेवा परंपरा को आगे बढ़ाना और उनके अधूरे कार्यो को पूरा करना ही उनके जीवन का लक्ष्य है। महंत विष्णुदास महाराज एवं महंत अंकित शरण महाराज ने कहा कि महापुरूष केवल शरीर त्यागते हैं। उनके प्रेरणादायी विचार और शिक्षाएं सदैव समाज का मार्गदर्शन करती हैं। सनातन धर्म संस्कृति और अध्यात्म को जीवन समर्पित करने वाले गोलोकवासी महंत हेमकान्त शरण महाराज का नाम संत समाज के इतिहास में सदैव अमर रहेगा।
श्रवण शंखधार, शिवांग भारद्वाज, श्री शंखधार, श्रीयांश शंखधार, आकाश बहुखण्डी, गौतम मिश्रा, अजय, अमन आदि ने सभी संत महापुरूषों को फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर पूर्व पालिकाध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, महंत रामानंद सरस्वती, स्वामी ललितानन्द गिरी, स्वामी चिदविलासानन्द, महंत सूरजदास, महंत प्रहलाद दास, महंत अरूण दास, महंत दुर्गादास, स्वामी शिवानन्द, महंत गोविंददास, महंत जयराम दास, महंत अंकित शरण आदि बड़ी संख्या में संतजन व श्रद्धालु उपस्थित रहे।