तनवीर
हरिद्वार, 1 नवंबर। पूर्व विधायक अम्बरीष कुमार ने कहा कि प्याज और आलू के दाम बढ़ने से सरकार चिंतित है और आलू प्याज का आयात भी कर रही है। लेकिन दूसरी ओर धान की फसल ओने पौने दामों पर बिक रही है। वह भी छोटा हिस्सा बिक रहा है कोई खरीददार नहीं है और सरकार इस बारे में न तो चिंतित है और ना ही इससे छुटकारा दिलाने का कोई उपाय कर रही है।
इस स्थिति में दो तथ्य स्पष्ट उभरकर आए हैं और नए कृषि कानूनों की निरर्थकता सिद्ध हो रही है। सरकार ने इन कृषि कानूनो के जरिए आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव करते हुए भंडारण सीमा समाप्त कर दी इसकी अव्यवहिकता गेहूं और प्याज की तेजी ने साबित कर दी है। जमाखोरों ने प्याज और आलू का असीमित भंडार कर लिया है। न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम खरीदने वालों के विरुद्ध दंड का प्रावधान ना होने से किसान का धान ओने पौने दामों पर बिक रहा है।
सरकारी खरीद बंद और न्यूनतम समर्थन मूल्य बाध्यकारी न होने के कारण किसान परेशान है। अतः कृषि व्यापार मुक्त करने का कानून भी बेकार साबित हुआ। मैं राजस्थान सरकार को बधाई देना चाहता हूं कि उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम बेचने वालों के खिलाफ दंड का प्रावधान किया है। अतः केंद्र सरकार को कृषि कानूनों पर पुनर्विचार करना चाहिए।