कमल खडका
हरिद्वार, 8 दिसंबर। कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के लिए चलाए जा रहे आंदोलन के तहत किसानों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के समर्थन में जाट महासभा के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने भगतसिंह चौक पर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया और तीनों कृषि कानूनों को तत्काल वापस लिए जाने की मांग की। इस दौरान जाट महासभा के अध्यक्ष चौधरी देवपाल सिंह राठी ने कहा कि सरकार द्वारा लागू किए तीनों कृषि कानून पूरी तरह किसान विरोधी हैं। इनसे किसानों को लाभ के बजाए नुकसान उठाना पड़ेगा।
कानून में एमएसपी का जिक्र तक नहीं है। किसान को अपनी ओने पोने भाव बेचनी पड़ेगी। व्यापारी अपनी मर्जी के भाव से किसान की फसल खरीदेगा। किसान लगातार मांग कर रहे हैं कि एमएसपी को कानूनी बनाया जाए। कांट्रैक्टिंग फार्मिंग के मामले में किसान को अपनी जमीन ना गंवानी पड़ी ऐसे प्रावधान किए जाएं। आवश्यक वस्तु भण्डारण अधिनियम पहले की तरह सख्त बनाया जाए। एक सीमा से अधिक भण्डार पर सख्त पाबंदी लगायी जाए। लेकिन नए कानून में व्यापारी को सिर्फ युद्ध और आपदा को छोड़ मनमर्जी से भण्डारण की छूट दी गयी है।
ऐसे में व्यापारी एमएसपी से कम रेट पर खरीद कर अनाज की बाजार में कमी होने पर अपने मनमाने दाम पर बेचेगा। इसमें किसानों को तो नुकसान होगा ही वही आम नागरिकों को भी अनाज व अन्य चीजों के अधिक दाम चुकाने होंगे। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि किसान विरोधी कानूनों को तुंरत वापस लिया जाए।
प्रदर्शन में केपी सिंह, रकम सिंह, शैलेन्द्र पुनिया, जीतू चैधरी, मनदीप चैधरी, चिरंजीव कुमार, रामप्रसाद, जगपाल तोमर, प्रभुराम खैरवा, नरेंद्र सिंह, सुरेश चैधरी,जीत सिंह ढिल्लो, स्वीटी सिंह, हरभजन सिंह, दिशा सिंह, चन्दरवीर, धीर सिंह, अनंगपाल सिंह, देवेंद्र कंुडु, नरेंद्र सिंह, हरपाल सिंह, राजवीर सिंह पंवार, ओमवीर सिंह, केसर सिंह, राममेहर सिंह, नरेश बालियान, चै.बीर सिंह, संदीप सांगवान, मुख्तयार सिंह, मनवीर सिंह सिरोही, विवेक चैधरी, चन्द्रवीर सिंह, योगेन्द्र सिंह, सुदेश कुमार, नरेंद्र कुमार आदि सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल रहे।