कमल खड़का
हरिद्वार, 14 मई। लाॅकडाउन के चलते होटल और टूरिज्म इंडस्ट्री काफी दबाव में है। इस समय यात्रा काल चल रहा है। सामान्य दिनों में इस वक्त चार धाम यात्रा पर जाने वाले यात्रियों की भारी भीड़ रहती है। लेकिन कोरोना वायरस के चलते किए गए देशव्यापी लाॅकडाउन में यात्रा ठप्प हो गयी है। जिससे होटल और टूरिज्म उद्योग से जुड़े लाखों लोग आर्थिक तंगी झेल रहे हैं।
होटल और पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग लगातार सरकार से राहत की मांग कर रहे हैं। होटल व्यवसायी विभाष मिश्रा ने बताया कि होटल और पर्यटन व्यवसायियों की कोई सुध नहीं ली जा रही है। विद्युत वितरण कंपनियों को तो भुगतान गारंटी सरकार ने दे दी। लेकिन कोरोना के कारण अब तक करोड़ों के घाटे में आ चुके होटल व पर्यटन उद्योग के लिए सरकार ने कोई राहत नही दी है। जिससे होटल और टूरिज्म इंडस्ट्री से जुड़े व्यवसायियों में काफी निराशा है। धर्मनगरी हरिद्वार में हजारों लोग ट्रैवल्स व होटल व्यसाय से सीधे तौर पर जुड़े हैं।
इसके अलावा टैक्सी चालक, आॅटो चालक, होटलों में काम करने वाले कर्मचारियों आदि को भी जोड़ दिया जाए तो बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं। लाॅकडाउन खुलने के बाद भी कारोबार चलने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। हरिद्वार में अधिकांश होटल ठेके पर चलते हैं। ठेके पर होटल लेने वाले अग्रिम भुगतान भी कर चुके हैं। लेकिन पीक सीजन में कारोबार बंद रहने से सभी मानसिक रूप से परेशान हैं। ऐसे व्यवसायिों को चिन्हित कर केंद्र व राज्य सरकार को राहत पैकेज उपलब्ध कराना चाहिए। जिससे ऐसे कारोबारियों को कुछ राहत मिल सके।