अमरीश
हरिद्वार, 13 अगस्त। हरिद्वार में एकाएक कोरोना के मरीज़ बढऩे से कई दिन से मायापुर क्षेत्र निवासियों का सब्र एक बार फिर छलकने लगा। प्रशासन द्वारा घनी आबादी के क्षेत्र में होटलों को कोरोना कोरेन्टीन सेंटर बनाने से क्षेत्र के निवासी आक्रोशित हैं। लोगों का कहना है कि प्रशासन शायद किसी दबाव में इन होटलों से कोरोना सेंटर समाप्त नही कर रहा। दो दिन पूर्व क्षेत्र के एक व्यक्ति की कोरोना से मृत्यु होने पर यहां रहने वालों का आक्रोश एक बार फिर उबल पड़ा। क्षेत्र के निवासियों ने बैठक कर प्रशासन को चेतावनी दी है।
यदि जल्द ही प्रशासन इस ओर ध्यान नही देता तो इस विषय मे क्षेत्र के निवासी देहरादून जाकर मुख्यमंत्री से मुलाकात करने को मजबूर होंगे। एक तरफ जब प्रशासन ने कोरोना रोगियों को होम कोरेन्टीन किये जाने को सहमति दे दी है तो फिर होटलों में रोगियों को रखने का क्या औचित्य है। जहां एक तरफ़ प्रशासन किसी गली में कोरोना रोगी मिलने पर उस गली को पाबंद कर रहा है, दूसरी तरफ अन्य क्षेत्रों के कोरोना रोगियों को संकरी गलियों में बने होटलों मे कोरेन्टीन कर क्या इन क्षेत्रों में कोरोना फैलाना चाहता है। पिछले 3-4 दिन में क्षेत्र मे कई कोरोना संक्रमित मिले हैं। जिन में से एक की मृत्यु भी हो गई। पूर्व में भी सिटी मजिस्ट्रेट को शहर व्यापार मंडल एवं जिला व्यापार मंडल के माध्यम से होटल सचिन इंटरनेशनल के बारे में भी ज्ञापन दिया गया था।
बैठक में मुख्य रूप से समाजसेवी चंद्रशेखर कुर्ल, राजू मनोचा, व्यापारी ललित गोयल, युवा नेता गौरव कालरा, गौरव भाटिया, गीता शर्मा, बीना भाटिया, मायापुर व्यापार मंडल के अध्यक्ष जितेंद्र चैरसिया, नीलम मल्होत्रा, नीलम चैहान, राहुल सब्बरवाल, पवन कुमार अग्रवाल, कमल अग्रवाल, मुकेश कुच्छल, अरविंद अग्रवाल, खुशीराम गुप्ता, राजेन्द्र गुप्ता, सूरज दीवान, होटल प्रेमदीप एवं होटल प्रेम बिहारी के पदाधिकारी आदि उपस्थित रहे।