अन्नकूट महोत्सव भक्ति समर्पण और परंपरा का संगम है-स्वामी अवधेशानंद गिरी

Dharm
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ब्यूरो


हरिद्वार, 22 अक्तूबर। भारत माता मंदिर में अन्नकूट महोत्सव हर्षोल्लास और श्रद्धापूर्वक मनाया गया। भगवान को छप्पन प्रकार का भोग लगाया गया। श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज ने कहा कि लंबी आयु आरोग्य की प्राप्ति अन्नकूट पर्व मनाने से प्राप्त होती है। आध्यात्मिक ऊर्जा से ही मनुष्य कल्याण संभव है। परिवारों में सुख समृद्धि शांति का वास होता है। उन्होंने कहा कि अन्नकूट महोत्सव भक्ति समर्पण अैर परंपरा का संगम है। सनातन संस्कृति एवं परंपरांओं के निर्वहन से देश दुनिया में हिंदू संस्कृति की पहचान है।

अन्नकूट महोत्सव का महत्व की जानकारी सभी को होनी चाहिए। उन्होंन कहा कि मनुष्य कल्याण में योगदान देते रहें। अन्नकूट महोत्सव के धार्मिक महत्व को समझने की आवश्यकता है। महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि प्रतिवर्ष धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ अन्नकूट महोत्सव मनाया जाता है। भक्ति पूर्ण तरीके से अन्नकूट महोत्सव धार्मिक संदेश भी समाज को देता है। अन्नकूट महोत्सव में छप्पन भोग की परंपरा का उल्लेख पूर्व से ही मिलता है। सामाजिक महत्व को समझने की आवश्यकता है।

गरीब निसहाय निर्धन परिवारों के उत्थान में योगदान दें। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी महाराज सनातन धर्म संस्कृति की पताका को देश विदेश में फहराने में योगदान दे रहे है। समन्वय सेवा ट्रस्ट एवं भारत माता जनहित ट्रस्ट के सचिव आईडी शास्त्री ने सभी संत महापुरूषों का स्वागत किया। महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी, स्वामी आत्मानंद, स्वामी कैलाशानंद, स्वामी शिव आत्मानंद सहित कई संत महंत और श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।

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