अमरीश
हरिद्वार, 4 अगस्त। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता एवं हरिद्वार विधानसभा मीडिया प्रभारी एडवोकेट सचिन बेदी ने सरकार से प्रदेश की सभी मलिन बस्तियों को नियमित कर उनमें रह रहे लोगों को मालिकाना हक देने की मांग की है। एडवोकेट सचिन बेदी कहा है कि उत्तराखंड को अलग राज्य बने 20 वर्ष से अधिक समय गुजर चुका है। इस दौरान राज्य में बारी-बारी से कांग्रेस और बीजेपी की सरकारे रही, परंतु राज्य की मलिन बस्तियों में रह रहे लोगों को आज तक भी कोई सरकार मालिकाना हक नहीं दे सकी।
दोनों दलों के नेता चुनाव में वोट लेने के लिए बस्तियों के लोगों से मालिकाना हक देने का वादा करतें। लेकिन चुनाव के बाद भूल जाते हैं। भाजपा या कांग्रेस किसी भी दल की सरकार ने बस्तियों को आज तक भी न तो नियमित किया और न ही उनमें रह रहे लोगों को मालिकाना हक दिया। जबकि इन बस्तियों में रहने वाले लाखों लोग हर बार चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग कर सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं। लेकिन चुनाव के बाद उन लोगों की कही कोई सुनवाई नहीं होती।
सवाल उठता है कि जब बस्तियों में रहने वाले लोगों के वोट वैध हो सकते हैं, तो ऐसी बस्तियां कैसे अवैध हो सकती हैं। यह बड़ा ही विचारणीय बिंदु है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल चुनाव के समय बस्तियों को नियमित करने और मालिकाना हक देने का सब्जबाग दिखाकर लोगों को भ्रमित कर उनके वोट हासिल करते है। दोनों दलों के लिए यह सिर्फ चुनावी एक मुद्दा बनकर रह गया है। सत्यता एवं वास्तविकता से दोनों दलों का कोई सरोकार नहीं है। बस्तियों की याद इन्हें सिर्फ चुनाव के समय आती है। इनका एक मात्र उद्देश्य जनता को गुमराह कर वोट हासिल कर अपनी अपनी सरकार बनाना है, जो किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं है। आम आदमी पार्टी इसका पुरजोर विरोध करती है। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द से जल्द सभी बस्तियों को नियमित कर लोगों को मालिकाना हक दे।