भारतीय किसान यूनियन क्रांति ने की हरिद्वार को आपदा गस्त जिला घोषित करने की मांग

Haridwar News
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तनवीर


अजीम कुरैशी बने ग्रामीण जिलाध्यक्ष
हरिद्वार, 2 अगस्त। भारतीय किसान यूनियन क्रांति के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास सिंह सैनी ने प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि देश का किसान बाढ़ के कारण आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है। बाढ़ से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई है। सरकार को किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के उद्देश्य से किसानों के हितों में योजनाएं संचालित करनी चाहिए। जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति ठीक हो सके। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि हरिद्वार जिले को आपदा ग्रस्त घोषित किया जाए। किसानों का कर्ज पूरी तरह से माफ किया जाए।

उत्तर प्रदेश की तर्ज पर बिजली मुफ्त मुहैया कराई जाए। किसानों का गन्ने का 215 करोड़ रूपए का भुगतान 3 वर्षों से रुका हुआ है। अविलंब गन्ने का भुगतान होना चाहिए। जिले के किसानों को कुसुम योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। अधिकारी योजना की सही जानकारी नहीं दे रहे हैं। विकास सिंह सैनी ने कहा कि मुआवजे की कीमत वर्तमान लागत मूल्य निकालकर किसानों को दी जानी चाहिए। अधिक वर्षा के कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो चुकी है। 10 हजार रूपए बीघा के हिसाब से किसानों को मुआवजा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों के ऊपर लगाए गए झूठे मुकदमे तत्काल हटाए जाएं।

60 वर्ष से ऊपर आयु के किसानों को 10,000 रूपए मासिक पेंशन दी जाए। जिससे वह अपना गुजर-बसर कर सकें। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनोद प्रजापति ने कहा कि किसानों की समस्याएं हल होनी चाहिए। किसान मजबूत होगा तो देश भी तरक्की की ओर अग्रसर होगा। राज्य के किसानों को त्वरित सहायता दी जाए। किसानों की विभिन्न समस्याएं हल हांे। उन्होंने कहा कि समस्याओं का हल नहीं होने पर 5 अगस्त को किसान रोशनाबाद स्थित जिलाधिकारी कार्यालय पर किसानों की मांगों को लेकर धरना देंग। प्रैसवार्ता के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास सिंह सैनी ने हरिद्वार ग्रामीण जिला अध्यक्ष अजीम कुरेशी को जिम्मेदारी सौंपी।

अजीम कुरेशी ने कहा कि किसानों के हितों में काम किया जाएगा। किसानों की समस्याओं को हर स्तर पर उठाने का प्रयास किया जाएगा। भारतीय किसान यूनियन क्रांति संगठन की मजबूती के प्रयास मिलजुल कर किए जाएंगे। प्रैसवार्ता में शुभम चैहान, फहीम अहमद, सरवर कुरेशी, ऋषिपाल चैधरी, पदम सिंह, सुरेंद्र प्रजापति, विनोद प्रजापति आदि ने भी विचार रखे।

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