हरिद्वार, 29 फरवरी। भाजपा पार्षदों एकता गुप्ता, जौली प्रजापति, रेणु अरोड़ा, पार्षद प्रतिनिधि अंकुर मेहता व चिराग अरोड़ा तथा कनखल मण्डल अध्यक्ष मयंक अग्रवाल आदि ने नगर निगम द्वारा साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए अनुबंधित की गयी केआरएल को भुगतान में भारी गोलमाल किए जाने का आरोप लगाया है। प्रैस क्लब में पत्रकारवार्ता के दौरान पार्षद प्रतिनिधि अंकुर मेहता ने कहा कि साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट का कार्य कर रही केआरएल को भुगतान किए जाने में भारी गोलमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केआरएल को कूड़ा उठाने के लिए समस्त संसाधन नगर निगम द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके बावजूद शहर में गंदगी का आलम है। उन्होंने कहा कि नया बोर्ड बनने से पहले कंपनी रोजाना 2 हजार कुंतल कूड़ा उठा रही थी। लेकिन कूड़ा उठाने की मात्रा में अचानक वृद्धि हो गयी और अब कंपनी रोजाना 3 हजार कुंतल कूड़ा उठा रही है। उन्होंने कहा कि जिस कांटे की पर्ची पर कंपनी को भुगतान किया जा रहा है। उसमें भी भारी गोलमाल है। तोल की पर्चीयों से पता चलता है कि कंपनी की गाड़ियां प्रति पंाच मिनट पर कूड़ा उठा रही हैं।
गाड़ियों से कूड़ा उठाने की क्षमता भी अधिक दर्शायी गयी है। नगर निगम द्वारा जो गाड़ियां केआरएल को उपलब्ध करायी गयी हैं। उसके अतिरिक्त निगम की ऐसी गाड़ियां जो चलने योग्य नहीं है तथा गैराज में खड़ी हैं। उन से भी कूड़ा उठाया जाना दर्शाया गया है। परिवहन विभाग से जानकारी करने पता चला कि इन गाड़ियों का संचालन संभव नहीं है। पार्षद प्रतिनिधि चिराग अरोड़ा ने कहा कि केआरएल कंपनी श्रम विभाग में पंजीकृत भी नहीं है। जिससे कंपनी में काम कर रहे कर्मचारियों के भविष्य पर भी संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि वेस्ट मैनेजमेंट तथा कूड़ा निस्तारण के लिए अनुबंधित मूल कंपनी केआरएल इंफोटेक इंडिया लिमिटेड है। 2019 में मूल कंपनी का अनुबंध बदल दिया गया और मिलते जुलते नाम वाली केआरएल वेस्ट मैनेजमेंट हरिद्वार प्रा.लि. को अनुबंधित कर दिया गया। जबकि 2012 में केआरएल वेस्ट मैनेजमेंट प्रा.लि.अस्तित्व में भी नही थी। कंपनी का सेल्स टैक्स विभाग में रजिस्ट्रेशन ही वर्ष 2013 में हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि केआरएल वसूली के लिए अधिकृत नहीं है। इसके बावजूद कंपनी होटल वालों, ठेली, ढाबे वालों से फर्जी तौर पर पैसा ले रही है। उन्होंने पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।