इबादत की रात है शबे-ए- बारात:- हाजी नईम कुरैशी

Haridwar News
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राहत अंसारी

गुनाहों से तौबा करने की रात :-हाजी रियाज अंसारी

हाजी नईम कुरैशी ने देशवासियों को शबे-ए-बरात एवं होली पर्व की बधाई देते हुए कहां कि हिंदुस्तान पर्वों का गुलदस्ता है। धर्म संस्कृति की पहचान पर्व दर्शाते हैं।देश में एकता भाईचारा सौहार्द के प्रतीक त्योहार एक दूसरे को इंसानियत का पैगाम देते हैं। हाजी नईम कुरैशी ने शबे-ए-बरात पर मुस्लिम समाज के लोगों से अपील करते हुए कहा कि मस्जिदों में इबादत करें। यह रात इबादत की रात है। इस रात अल्लाह अपने बंदो के तमाम गुनाह माफ करता है। खुदा ताला अपने बंदे की जायज दुआओं को आज की रात पूरा करता है। कलाम पाक की तिलावत करें। जो रूहे दुनिया से रुखसत हो चुकी है। उनकी मगफिरत की दुआएं सच्चे दिल से करें।

उपनगरी ज्वालापुर में शबे-ए-बरात के मौके पर देर रात मस्जिदों में इबादत होती है। अगले दिन का रोजा भी लोग रखते हैं। प्रत्येक घर में फातिहा की जाती है। शबे कद्र की रात गुनाहों से तौबा करने की रात है। देर रात तक मस्जिदों में इबादत का दौर जारी रहेगा।अपने रब से मुल्क के अमन और चैन की दुआएं भी मांगी गयी। हाजी रियाज अंसारी ने बताया कि शबे-ए-बरात की रात इबादत की रात है। एहतराम के साथ सच्चे दिल से अपने रब की बारगाह मे दुआएं करें। कलाम पाक की तिलावत करें, नफिल पढ़ें, सलातुल तस्बीह की नमाज़,नमाजे तौबा, नमाजे हाजत पढ़कर सवाब हासिल करें। शबे-ए-बरात की रात में तहज्जूद की नमाज़ के नफील पढ़ने की बहुत फजीलत है।

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