ठेकों पर शराब के शौकीनों की लगी लंबी कतारें

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अमरीश

हरिद्वार, 5 मई। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते देशभर में किए गए लॉकडाउन के बाद से ही बंद शराब की दुकानें मंगलवार को खोली गयी। दुकानें खुलते ही शराब के शौकीनों की लंबी लंबी कतारें लग गयी। दुकानें खोलने का समय सेवेर सात बजे से चार बजे तक निर्धारित किया गया है। लेकिन शराब लेने के लिए लोग सेवेरे छह बजे से ही दुकानों के सामने लाईन लगाकर खड़े हो गए। सोमवार से शुरू लाॅकडाउन के तीसरे चरण में सरकार द्वारा कई ढील दी गयी हैं। नई राहतों का ऐलान होने के बाद हरिद्वार जनपद में भी कंटेनमेंट जोन व आबादी से बाहर स्थित शराब की दुकानों को भी खोल दिया गया। शराब की दुकानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए पुलिस तैनात की गयी। पुलिसकर्मियों ने लोगों को एक दूसरे से निश्चित दूरी पर खड़ा कर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया। इसके अलावा पुलिस की ओर से लाॅउडस्पीकर के माध्यम से भी बार बार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील की जाती रही।

पुलिस ने करवाया सोशल डिस्टेंसिंग का पालन

लाॅकडाउन का तीसर चरण लागू होने पर हरिद्वार को रेड जोन में रखा गया है। रेड जोन में होने के बावजूद लोगों को कई राहत भी दी गयी हैं। जिसमें जरूरी सामान की दुकानें खोलने का समय सवेरे सात बजे से चार बजे तक कर दिया गया है। लाॅकडाउन होने के बाद से ही जनपद में शराब की सभी दुकानें बंद हैं। लाॅकडाउन के तीसरे चरण में शराब के ठेके खोलने की अनुमति भी दी गयी है। सीओ सिटी हरिद्वार अभय सिंह का कहना है कि शुरुआत के समय मे लॉक डाउन के चलते सिर्फ जरूरी सामान कि दुकानों को खोला गया था। इस मामले में जिला प्रशासन ने कुछ और दुकानों को खोलेजाने में ढील दी है। जिसमे शराब की दुकानें भी शामिल हैं। लंबे समय बाद शराब की दुकानें खुलने पर भारी संख्या में लोग पहुच रहे है। व्यवस्था बनाए रखने तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है।  

कोरोना वायरस आपदा के समय सरकार के सामने लोगो की जान बचाने के साथ साथ आर्थिक स्थिति को संभालना किसी बड़ी चुनौती से कम नही है। अर्थ व्यवस्था को सहारा देने के लिए सरकार ने शराब की दुकानों को खोलने का निर्णय लिया है। आबकारी से होने वाली आय सरकारों के राजस्व का बड़ा स्रोत है। शराब की दुकानें खोल कर आर्थिक स्थिति सुधारने का दांव तो सरकार ने खेल दिया है। मगर देखना होगा कि शराब से राजस्व अर्जित करने के प्रयास में लाॅकडाउन की धज्जियां ना उड़ जाएं। 

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