ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेदिक फार्मेसी में धूमधाम से मनायी गयी धनवंतरि जयंती

Haridwar News
Spread the love

तनवीर


हरिद्वार, 10 नवम्बर। ऋषिकुल राजकीय आयुर्वेदिक फार्मेसी में राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस एवं धनवंतरि जयंती धूमधाम से मनायी गयी। इस अवसर पर आयुर्वेद गोष्ठी का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम में सभी कार्मिकों ने भगवान धनवंतरि के चित्र पर माल्यार्पण कर एवं पुष्प अर्पित कर पूजा अर्चना की। फार्मेसी के प्रमुख वैद्य डा.अवनीश उपाध्याय ने कहा कि आयुर्वेद अपने आप में एक पूर्ण एवं उन्नत चिकित्सा पद्धति है। आयुर्वेद विज्ञान, कला व दर्शन का मिश्रण भी है। यह विश्व की सबसे प्राचीन एवं महत्वपूर्ण विधा जन साधरण के व्यवहार में थी तथा आज भी सुदूर वनीय क्षेत्रों में कुछ अंश तक श्रुति एवं व्यवहार परम्परा के रूप में विद्यमान है।

गोष्ठी में आयुर्वेद में वर्णित रोगनिदान के विभिन्न परीक्षणीय प्रकारों नाडी, मूत्र, मल, जिह्वा, शब्द, स्पर्श, दृग व आकति आदि की विस्तृत चर्चा की गयी की कैसे शोधन एवं शमन कियाओं द्वारा इनको संतुलित रखा जा सकता है। हर्बल चिकित्सा अधिकारी डा.सौरभ प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि भगवान धनवंतरि को आयुर्वेद और आरोग्य का देवता माना गया है। मान्यताओं के अनुसार भगवान धनवंतरि की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी। समुद्र मंथन से निकले भगवान धनवंतरि द्वारा ही आयुर्वेद चिकित्सा शास्त्र का अवतरण माना जाता है। गोष्ठी को चीफ फार्मासिस्ट महेंद्र सिंह नेगी, प्रमुख सहायक ओमप्रकाश सेमवाल, औषधि स्टोर प्रभारी अजय वीर सिंह नेगी आदि ने भी संबोधित किया। संचालन सुरेंद्र बडोनी एवं सुदेश कुमार ने किय।

इस दौरान रामकुमार चैधरी, पंकज सिंह चैहान, राजेश गुप्ता, अमन सिंह, उदयभान, दाताराम, चंद्रपाल, अशोक कुमार, इंदु, प्रिंस कुमार, पंकज कुमार, श्यामा देवी, विक्की सहगल, अरविंद पुरोहित आदि उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *