तनवीर
हरिद्वार, 25 नवंबर। तीर्थ पुरोहित एवं गंगा भक्त अनमोल वशिष्ठ ने हरकी पैड़ी को स्केप चैनल बताने वाले शासनादेश को निरस्त करने की मुख्यमंत्री की घोषणा पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब तक सरकार नया शासनादेश जारी नहीं करती है तब तक स्केप चैनल शासनादेश को निरस्त नहीं समझा जा सकता है।
प्रैस क्लब में पत्रकारवार्ता के दौरान अनमोल वशिष्ठ ने कहा कि कुंभ मेले को लेकर अखाड़ा परिषद के संतों के साथ हुई बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरीश रावत सरकार के शासनकाल में जारी हुए हरकी पैड़ी पर बह रही जलधारा को स्केप चैनल बताने वाले शासनादेश को निरस्त करने की घोषणा की गयी थी। मुख्यमंत्री की घोषणा पर संत समाज, गंगा सभा ने हर्ष व्यक्त करते हुए सरकार का आभार भी प्रकट कर दिया।
हरकी पैड़ी पर दो महीने से धरना दे रहे तीर्थ पुरोहितों ने भी मां गंगा में दुग्धाभिषेक व हवन कर धरना समाप्त कर दिया। अनमोल वशिष्ठ ने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा को तीन दिन बीतने के बाद भी नया शासनादेश जारी नहीं हुआ है। इससे साफ है कि मुख्यमंत्री की नई घोषणा भी चार साल से शासनादेश रद्द करने की दूसरी घोषणाओं की तरह ही है। सरकार ने ना तो अभी तक स्केप चैनल शासनादेश को निरस्त किया है और ना ही कोई नया शासनादेश जारी किया है।
घोषणा करके गंगा भक्तों और सनातन धर्म प्रेमियों की भावनाओ के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। अनमोल वशिष्ठ ने कहा कि सरकार घोषण करने के बजाए नया शासनादेश जारी करे। यदि सरकार एक सप्ताह में स्केप चैनल शासनादेश को निरस्त करने का शासनादेश जारी नही करती है तो वे एक बार फिर न्यायाल की शरण लेंगे।