जलभराव से मुक्ति के लिए कई प्रयास हुए-अम्बरीष कुमार

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तनवीर

हरिद्वार, 8 जुलाई। ज्वालापुर, कनखल, मध्य हरिद्वार हो, उत्तरी हरिद्वार हो वर्षा के कारण जलभराव की समस्या विकराल रूप में नगर के सामने है। इसके क्या कारण है यह बहुत लंबा विषय है। पूर्व विधायक अम्बरीष कुमार ने कहा कि परंतु मैंने इस समस्या पर लगातार विचार किया और 1991 में चैधरी अजीत सिंह जो भारी उद्योग मंत्री थे, राशिद मसूद के साथ जाकर उनसे आग्रह किया कि बी,एच,ई,एल का सहयोग इस समस्या की मुक्ति के लिए मिलना चाहिए। उन्होंने हामी भरी। और अगले ही दिन बीएचईएल के कॉरपोरेट ऑफिस से अधिकारी गणों ने निरीक्षण कर योजना बनाई। परंतु नगर पालिका की हठधर्मी के चलते धरातल पर नहीं उतर पाई।

विधायक रहते हुए लगातार सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित किया। परंतु सफलता नहीं मिल सकी। 2014 में मैं कांग्रेस में सम्मिलित हुआ और तत्कालीन मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि इस समस्या के निराकरण हेतु कार्यवाही होनी चाहिए उन्होंने जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति बनाई जिसमें लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, जल निगम, जल संस्थान तथा नगर निगम के अधिकारी थे। मैं स्वयं भी इस समिति की बैठक में जाता था। पूर्व विधायक अम्बरीष कुमार ने बताया कि ज्वालापुर, हरिद्वार, मध्य हरिद्वार, कनखल, उत्तरी हरिद्वार के लिए योजना बनाई जा रही थी।

इसी बीच मेरे द्वारा मुख्यमंत्री को मनसा देवी सूक्ष्म जलागम परियोजना की एक प्रति जो तत्कालीन जिला वन अधिकारी केएन.सिंह के अध्ययन के बाद तैयार की गई थी सौंपी। मुख्यमंत्री ने तत्कालीन सीडीओ को रिपोर्ट सौंपते हुए आदेश दिया कि इस पर कार्यवाही करें। परंतु प्रदेश में राजनीतिक संकट पैदा हो गया और अंततः 2017 के चुनाव की घोषणा हो गई। यह चर्चा भी सुनने में आई कि मंत्री के पहले कार्यकाल में केवल मध्य हरिद्वार के जलभराव की समस्या के लिए योजना बनाई गई थी जो व्यवहारिक नहीं थी। परंतु चर्चा उस समय थी कि बी,एच,ई,एल ने धन देने में अपनी असमर्था व्यक्त कर दी और मंत्री ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया।

यह उचित होता कि कुंभ नगरी की जलभराव से मुक्ति योजना बनती और कुंभ के बजट में उसके लिए प्रावधान किया जाता। पूर्व विधायक अम्बरीष कुमार ने हरिद्वार की जनता से अनुरोध है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में अगर इसे मुद्दा बनाएंगे तो निश्चित रूप से इस समस्या से मुक्ति मिलेगी। 

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