तनवीर
हरिद्वार, 3 फरवरी। इलेकट्रोहोम्पैथिक मेडिकल एसोसिएशन की ज्वालापुर स्थित बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ आल्टरनेटिव मेडिकल सांइन्स मे आयोजित कॉन्फ्रैन्स को संबोधित करते हुए एसोसिएशन के अध्यक्ष डा.केपीएस चौहान ने कहा कि भारत सरकार द्वारा इलेक्ट्रोहोम्योपैथी चिकित्सा पद्धति को स्वतंत्र चिकित्सा पैथी के रूप मे स्थापित करने हेतु नवम्बर 2017 मे बनायी गयी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की इन्टर्नल डिपार्टमेन्टल कमेटी विभिन्न बिन्दुओं पर इलेक्ट्रोहोम्योपैथी की प्रमाणिता की जांच कर रही है।
डा.चौहान ने उपस्थित चिकित्सकांे को प्रोजेक्टर के माध्यम से 11 जनवरी की दिल्ली मे आहूत आई.डी.सी. की बैठक की कार्यवाही को दिखाते हुए कहा कि आई.डी.सी. द्वारा निर्धारित सात क्राइटेरिया मे से चार क्राइटेरिया को पूर्ण कर लिया गया है। शेष तीन अधूरे मानक – मेडिकल जनरल, मेडिसिन निर्माण (फार्मेसी डिपार्टमेंट), रोगी क्लीनिकल डाटा को पूर्ण करने की कार्यवाही जारी है। डा.चैहान ने कहा कि सभी चिकित्सक अपने द्वारा उपचारित किये गये रोगियों का क्लीनिकल डाटा आई.डी.सी. के मानको के अनुरुप बनाकर एसोसिएशन के केन्द्रीय कार्यालय मे एक माह के भीतर जमा करा दे। जिससे सभी डाटा एक साथ कमेटी को उपलब्ध कराये जा सकें।
डा.चौहान ने कहा कि एसोसिएशन द्वारा अधूरे मानको को पूर्ण करने का कार्य अंतिम चरण मे है। जिसको निर्धारित समय मे पूरा कर लिया जायेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि आई. डी.सी. द्वारा मानको की जांच व औपचारिकताऐं तीन माह मे पूर्ण करली जायेगी। तत्पश्चात इलेक्ट्रोहोम्योपैथी एक अधिकृत स्वतंत्र चिकित्सा पैथी के रूप मे स्थापित होगी और काउंसिल का निर्माण हो जायेगा। कॉन्फ्रैन्स मे प्रदेश महामंत्री डा.एमटी अन्सारी व डा.सुनील अग्रवाल ने भी अपने विचार रखे।