गौरव रसिक
हरिद्वार, 3 फरवरी। ज्वालापुर स्थित प्रदेश व्यापार मण्डल के कार्यालय पर आयोजित बैठक में व्यापारियों ने कुम्भ को सीमित किए जाने के विरोध में आंदोलन का रास्ता अपनाने की चेतावनी दी है। व्यापारियों ने अखाड़ा परिषद व संत समाज से भी खुलकर विरोध करने की अपनी की है। बैठक के दौरान व्यापारियों ने कहा कि सरकार कुंभ मेले को सीमित करने के साथ, ट्रेनों के संचालन पर रोक लगाने का प्रयास कर रही है।
यात्रियों की संख्या को भी सीमिति करने के साथ उनके ठहरने पर रोक लगाने का प्रयास किया जा रहा है। जिससे व्यापारियों का नुकसान उठाना पड़ेगा। बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष संजीव चौधरी ने कहा कि अब तो हद ही हो गई है। सरकार व्यापारी के दमन पर उतर आयी है। लाॅकडाउन के बाद से ही आर्थिक दुश्वारियों का सामना कर रहे व्यापारियों की सहायता करने की बजाय अब सरकार कुम्भ को सीमित कर व्यापारियों को बर्बादी की तरफ धकेल रही है।
हरिद्वार के सभी व्यापारियों का आवाहन करते हुए चैधरी ने कहा किकोई किसी भी दल से जुड़ा पर इस समय सभी पेट पर लात मारी जा रही है। ऐसे मे सब को एक साथ आ कर संघर्ष करना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में सभी काम हो रहे हैं। चुनावी रैलियां हो रही है। हरिद्वार मे ही बड़े बड़े आयोजन हो रहे हैं, तो कुम्भ को भी भव्य और दिव्य कराना चाहिए। चैधरी ने कहा कि अखाड़ा परिषद व संत समाज को मोन रहकर सरकार को सहमति देने बजाए खुल कर विरोध करना चाहिए। बैठक को सम्बोधित करते हुए संरक्षक सुरेश भाटिया व अनुशासन समिति के प्रदेश अध्यक्ष सुधीश श्रोत्रिए ने कहा कि सरकार तानाशाही कर रही है।
व्यापारियेां से वार्ता किए बिना ही निर्णय लिए जा रहे हैं। ऐसे मे व्यापारियों के पास आन्दोलन के अलावा कोई रास्ता नही है। भीख मागने से अच्छा विरोध का रास्ता अपनाया जाए। साथ ही उन्होंने श्री गंगा सभा से भी इस पर अपना राय रखने की अपील की। बैठक मे व्यापारी नेता सुरेश मखीजा, अरविन्द चैधरी, संजीव कुमार, आदित्य साराभाई, विजय धीमान, दीपक काला, पुष्पेंद्र गुप्ता, जगदीप भारद्वाज, विपिन राणा आदि सहित दर्जनों व्यापारी उपस्थित रहे।