जनप्रतिनिधि भेदभाव भुलाकर समाज सेवा का संदेश दें-पंडित अधीर कौशिक

Haridwar News
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अमरीश

हरिद्वार, 11 अप्रैल। परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने जनप्रतिनिधियों से आह्वान करते हुए कहा कि संकट की इस घड़ी में गरीब, मजदूरों, बेसहारा कामगारों को समान रूप से मदद पहुंचाने का काम करें। राजनीति से ऊपर उठकर समाजसेवा के क्षेत्र में योगदान देने की आवश्यकता है। भाजपा व कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों द्वारा खाद्य सामग्री के अलावा भोजन पैकेट वितरित करने में सर्वसमाज का ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। बड़ी संख्या में कामगार मजदूर लाॅकडाउन के चलते अपनी रोजी रोटी नहीं जुटा पा रहे हैं।

ऐसे परिवारों को चिन्हित कर मदद करनी चाहिए। आपसी भेदभाव को दरकिनार करते हुए समाज सेवा के क्षेत्र में योगदान दें। पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि भाजपा व कांग्रेस के जनप्रतिनिधि नीति बनाकर सेवाओं के क्षेत्र में जुट जाएं। लोगों को भी लाॅकडाउन के पालन करने के लिए प्रेरित करते रहें।

कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है। लेकिन जैसे धैर्य व अपने घरों में रहकर ही इस संक्रमण से छुटकारा पाया जा सकता है। बड़ी संख्या में मलिन बस्तियों, कालोनियों औद्योगिक क्षेत्रों में कार्यरत कर्मचारी आर्थिक मंदी का दंश झेल रहे हैं। ऐसे में मिलजुल कर ही जरूरतमंदों की आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है। बिना भेदभाव के प्रत्येक क्षेत्र में जरूरतमंदों को अपनी सेवाएं प्रदान करें। उन्होंने कहा कि प्रशासन अपने स्तर से जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री वितरित कर रहा है। पुलिस प्रशासन लगातार सड़कों के किनारों पर निवास कर रहे लोगों को भी भोजन मुहैया कराने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है।

सभी को लाॅकडाउन में जरूरतमंदों की आवश्यकताओं का ध्यान रखना होगा। संकट के इस दौर को मिलजुल कर ही समाप्त किया जा सकता है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश हित में लाॅकडाउन जैसा निर्णय लिया। देश विदेश आज कोरोना की महामारी से जूझ रहे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं में जुटे चिकित्सकों का भी मनोबल बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। लोगों को उनका सम्मान व सहयोग करना चाहिए। चिकित्सा सेवा में लगे चिकित्सक अपनी जान की परवाह ना करते हुए कोरोना वायरस की चपेट में आए लोगों के इलाज में हरंसभव प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से आह्वान करते हुए कहा कि दीन दुखियों की मदद के लिए सभी को तैयार रहना चाहिए। पार्टी भेदभाव भुलाकर समाजसेवा का संदेश दें। 


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