अमरीश
हरिद्वार, 19 मार्च। भूमापीठाधीश्वर स्वामी अच्यूतानंद तीर्थ महाराज ने कहा कि भारत आध्यात्मिक ऊर्जा का देश है। आस्था एवं विश्वास हर भारतीय के खून मंे है। बड़े दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि विश्व की धरोहर एवं आध्यात्मिक ऊर्जा के केंद्र मुम्बई में सिद्धि विनायक, वृन्दावन में बाँके बिहारी, आन्ध्रप्रदेश में तिरुपति बालाजी, हिमाचल में शक्ति पीठ, जम्मू कश्मीर में वैष्णो देवी, मध्य प्रदेश में महाकालेश्वर, ऋऋि-सिद्धि तथा भारत में कई अन्य मन्दिरों को कोरोना वायरस की वजह से बन्द कर दिया गया। यह बहुत दुखद है। इस प्रकार से मन्दिर न अग्रेंजो के राज में बन्द हुए और न ही मुसलमानों के राज में बन्द हुए।
वर्तमान सरकार ने किस मापदण्ड के आधार पर मन्दिरों को बन्द करने का अभियान चलाया। हर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने मंदिरों को बंद करने के आदेश दिए। गौमुख से निकलने वाली गंगा, यमनोत्री से निकलने वाली यमुना, झेलम, कावेरी, नर्मदा आदि भारत की समस्त नदियों मंे करोड़ो लोग अपने हाथ धोते है, स्नान करते है व जल ग्रहण करते है। सरकार के पास उनको रोकने का क्या उपाय है। इन्हीं नदियों का जल, वाटर वक्र्स के द्वारा घरों में जाता है, सभी उसका प्रयोग करते है। इसलिए मन्दिरों को बन्द करना एक दुखद घटना है। सरकारों से हमारा आग्रह है कि सावधानी का प्रयोग करें और मन्दिरों को बन्द न करें अन्यथा इस देश में कोई भयानक घटना घट सकती है। 14 अप्रैल तक भारत, कोरोना वायरस पर विजय प्राप्त कर लेगा। यह देश ऋषि-मुनियों की पुण्य भूमि है और हम उन्हीं की सन्तान है।
हर व्यक्ति अपने घर में जैसे नवरात्रों में हवन (यज्ञ) करते है। वैसे ही रोज सुबह-शाम ‘महामृत्युजय मंत्र’ से यज्ञ हवन करें। हमे ‘कोरोना से डरना नही, उसे डराना है। स्वामी अच्यूतानंद तीर्थ महाराज ने बताया कि सिद्धपीठ भूमा निकेतन की ‘यज्ञशाला’ में 21 मार्च से कोरोना को हराने के लिए यज्ञ प्रारम्भ किया जा रहा है। ‘कोरोना हारेगा, देश से भागेगा’ यही हमारी संकल्प शक्ति होनी चाहिए।