बाढ़ राहत के उपाय करने के निर्देश दिए

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अमरीश

हरिद्वार, 26 मई। जिलाधिकारी सी.रविशंकर ने आगामी मानसून की तैयारियांे को लेकर जिला आपदा प्रबंधन की एक महत्वूपर्ण बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में ली। डीएम ने मानसून में बाढ़ नियंत्रण के उपायों को त्वरित तथा सदृढ़ बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंने सभी तहसीलों व थानों के माध्यम से किये जाने वाले राहत एवं बचाव कार्यो की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि आपदा जैसे कार्यो में किसी प्रकार की लापरवाही अक्षम्य होगी।

जिलाधिकारी ने आपदा, राजस्व तथा पुलिस विभाग के अधिकारियों को मानसून से पूर्व ही इस बार ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित कर लिये जाने के निर्देश दिये जो मानसून के दौरान बाढ़ तथा जलभराव के दृष्टि से संवेदनशील हैं। उन्होंने कहा कि इस चिन्हिकरण में कोई भी संवेदनशील क्षेत्र छूटना नहीं चाहिए। डीएम ने बचाव एवं सुरक्षा के लिए बनाये जाने वाले शैल्टर होम, रिलीफ कैम्प, आवश्यक उपकरणों, रेस्क्यू प्रबंधों का पुनः आंकलन कर लिया जाये। आंकलन के आधार पर इस वर्ष के लिए नयी रणनीति तैयार की जायेगी। प्रभावितों के लिए सुरक्षित स्थलों के लिए सार्वजनिक भवनों के साथ-साथ निजी संस्थानों, खुले मैदानों आदि को भी एसडीएम आंकलन में शामिल करें। आपदा के समय लोगों को कहां जाना है, किससे सहायता लेनी है, किस नम्बर पर सूचना दी जानी है। इस सम्बंध में स्थायी स्पष्ट सूचना बाढ़ चैकियों पर कंट्रोल रूम नम्बर सहित चस्पा करने के लिए पोस्टर की जगह स्थायी पेंटिंग का प्रयोग किया जाये। जिससे बरसाती दिनों में लोगों को असुविधा न हो।

लगाया जाना भी सुनिश्चि करें। इन सूचनाओ में सभी आपदा मित्रों के मोबाइल नम्बर, आपदा राहत में सीधे तौर पर राहत कार्य करने वाले विभागों व सम्बंधित अधिकारियों के नम्बर भी प्रसारित किये जायें। बाढ़ चैकी में तैनात कार्मिकों तथा वाॅलिटियर्स का ड्यूटी चार्ट एक सप्ताह में तैयार कर प्रस्तुत किया जाये। अपने क्षेत्रों में मानसून पूर्व की जाने वाली नाले नालियों आदि की सफाई के लिए जो भी टेंडर प्रकिया होनी है अभी शुरू कर दें। दोनों निगमों तथा भेल की ओर से टेंडर प्रकिया की जा चुकी है। जिन तहसीलों एवं थानों में आपदा राहत उपकरण सामग्री प्रयोग में ली जा रही है। इस सामग्री की सूची तथा निरीक्षण के उपरांत उपयोग की स्थिति तथा खराब होने का प्रमाण पत्र थानाध्यक्ष तथा तहसीलों द्वारा प्रस्तुत कर दिया जाये। यदि किसी सामग्री की आवश्यकता है

तो उसके लिए डीमांड और प्रक्योरमेंट की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाये तथा जो सामग्री उपकरण खरीदे जाने हैं। उन्हे आज से 15 से 20 दिन की अवधि में क्रय कर लिया जाये। जल आपूर्ति करने वाले विभाग अपनी टंकियों की सफाई कर सफाई का दिनांक अंकित कर अपना प्रमाण प्रस्तुत करें। इन सभी संवेदनशील क्षेत्रों में सायरन की भी व्यवस्था की जाये तथा लोगों को जागरूक किया जाये कि सायरन बजने का क्या अर्थ होगा और ऐसा होने पर उन्हें क्या करना है कहां जाना है। बैठक में एसडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट सहित समस्त विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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