कमल खडका
हरिद्वार 17 सितम्बर। खेल विभाग और युवा कल्याण विभाग के एकीकरण के विरोध में क्रिकेट एसोसिएशन हरिद्वार ही शामिल हो गया है। ऐसोसिएशन ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर एकीकरण का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि एकीकरण से खेलों का अस्तित्व ही खत्म हो जायेगा। ऐसोसिएशन के अध्यक्ष नीरज कुमार व उपाध्यक्ष विकास गोयल ने कहा कि खेल और युवा कल्याण विभाग का एकीकरण समझ से परे हैं। खेल विभाग में तकनीकि रूप से सक्षम अधिकारी व प्रशिक्षित कोच कार्यरत होकर प्रतिभाओं को आगे लाने का कार्य कर रहे हैं।
युवा कल्याण विभाग की ओर से किसी भी स्तर के लिए जाने वाले खेलों में खेल विभाग ही तकनीकि दक्षता का जिम्मा उठाता है। खेल विभाग में कोचिंग के लिए भर्ती कोचों को एशिया के सबसे बड़े खेल प्रशिक्षण संस्थान एनआईएस से डिप्लोमा लेकर खेल विभाग में नियुक्ति मिलती है। सचिव इंद्रमोहन बड़थ्वाल ने कहा कि खेल व युवा कल्याण विभाग के एकीकरण होने से खेलों का विकास उचित तरीके से नहीं हो पायेगा। वर्तमान में केन्द्र सरकार खेलों के विकास और ओलम्पिक में प्रदर्शन सुधारने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है और खेलों पर विशेष ध्यान दे रही है।
उत्तराखण्ड में खेल विभाग का अस्तित्व खत्म होने से खेलों का विकास अवरूद्ध हुआ। पूरे भारत में अन्य किसी प्रदेश में इस तरह की व्यवस्था नहीं है। खेल विभाग का स्वतंत्र अस्तित्व जहां खेलों के खेल प्रतिभाओं को आगे लाने का काम बखूबी कर रहा है। युवा कल्याण विभाग सामाजिक कार्यो और ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य करने का नोडल विभाग है। उपसचिव कुलदीप असवाल ने कहा कि एकीकरण होने से खेल और खिलाड़ियों का अस्तित्व कम हो जायेगा।
जहां खेल विभाग खेलों की प्रतियोगिता कराकर खिलाड़ियों को निखारकर एशिया, ओलम्पिक और विश्व कप में प्रतिभाग कराता है। तकनीकी दक्ष कोचों को अन्य विभाग में सम्मिलित करना न्याय नहीं है। इस अवसर पर प्रदीप गुप्ता, संजीव गुप्ता, सलभ गोयल, मयंक शर्मा, चन्द्रमोहन, अनिल खुराना, सुखबीर सिंह, कौशल शर्मा, कमल कुमार, कमल चमोली, देवेन्द्र शर्मा, किशोर अरोड़ा, ललित सचदेवा, रचित कुमार आदि उपस्थित रहे।