कमल खडका
हरिद्वार, 19 सितम्बर। आम आदमी पार्टी की जिला अध्यक्ष हेमा भण्डारी ने हाल ही में संसद से पारित कृषि से संबधित बिलों को किसान विरोधी बताते हुए सरकार से इन्हें वापस लेने की मांग की है। पत्रकारों से वार्ता करते हुए हेमा भण्डारी ने कहा कि कृषि बिल के नाम पर मोदी सरकार किसानों के साथ छलावा कर रही है। बिल लागू होने पर किसानों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। इन विधेयकों को पारित कर कानून की शक्ल देने का प्रयास केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा है। जिससे सीधे तौर पर किसान के आस्तित्व को खतरा पैदा होगा। इस विधेयक के आने से कॉट्रेक्ट फार्मिंग को बढावा मिलेगा।
जिससे छोटे किसानों को नुकसान होगा। उनके जमीन और अधिकारों पर केंद्र द्वारा इस बिल के माध्यम से जो ताना बाना बुना जा रहा है उसका आम आदमी पार्टी कार्यकर्ता प्रत्येक स्तर पर विरोध करेंगे। तीनों ही विधेयक किसान विरोधी हैं। अगर मंडियां खत्म हो गई तो किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल पाएगा। विधेयक के अंतर्गत कीमतों को तय नहीं किया जा सकता।
जिससे निजी कंपनियां किसानों का शोषण कर सकती हैं। व्यापारी इसके जरिए फसलों की जमाखोरी करेंगे। जिससे बाजार में अस्थिरता उत्पन्न होगी और महंगाई बढ़ेगी। वहीं अगर न्यूनतम मूल्य अपने प्रदेश में किसानों को नहीं मिला तो उन्हें दूसरे राज्यों में जाकर अपनी फसल बेचने पड़ेगी। जिससे राज्य सरकार को भी फसल संबंधी दिक्कतें पेश आएंगी। विधेयक बाजार और पूंजीपतियों के हित में है।
विधेयक लागू होने पर किसान अपनी ही जमीन पर मजदूर बन जाएगा। जोन इंचार्ज मनोज द्विवेदी व किसान मजदूर संगठन के नवीन मारिया ने कहा कि विधेयक पूरी तरह किसान विरोधी है। किसानों के साथ धोखा है। सरकार जल्द से जल्द विधेयक को वापस ले। यदि सरकार विधेयक वापस नहीं लेती है तो सड़कों पर आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। प्रैसवार्ता में सोशल मीडिया प्रभारी पुलकित गोयल, पवन कुमार एवम अर्जुन सिंह भी मौजूद रहे।