तनवीर
कृषि भूमि को काॅरपोरेट घरानों को सौंप रही है मोदी सरकार-अम्बरीष कुमार
हरिद्वार, 5 दिसंबर। किसान संगठनों के आह्वान पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सीतापुर स्थित सहकारी समिति कार्यालय पर धरना दिया। धरने में बड़ी संख्या में किसान भी सम्मिलित हुए। धरने के दौरान किसानों ने दो मिनट का मौन रखकर दिल्ली में आंदोलन के दौरान जान गंवाने किसानों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। धरने में भाग लेने आए बहादरपुर जट के किसान अकिंचन ने कहा कि कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए आंदोलन कर रहे किसान बधाई के पात्र हैं।।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि क्षेत्र में धान की खरीद नहीं हो रही है। यदि हो भी रही है तो घोषित मूल्य से कम पर हो रही है। किसान नेता नंदलाल राणा ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार गन्ना किसानों की समस्याओं की अनदेखी कर रही है। मिल मालिक मनमर्जी पर उतारू हैं। पूर्व विधायक अम्बरीष कुमार ने कहा कि कृषि कानून किसानों के लिए ही नहीं आम गरीब के लिए भी हानिकारक है। इससे सार्वजनिक वितरण प्रणाली भी प्रभावित होगी और जमाखोरी को बढ़ावा मिलेगा।
खाद्यान्न महंगा होगा किसान कंगाल होगा उद्योग, गैस, ऊर्जा, हवाई अड्डा निजी क्षेत्र के कारखानों के बाद मोदी सरकार ने कृषि भूमि को भी कॉर्पोरेट घरानों को सौंपने का काम कर दिया है। देश की जीडीपी में कृषि क्षेत्र का 14 प्रतिशत योगदान है और लगभग 16 लाख करोड खाद्यान्नों का उत्पादन होता है। इसे देखते हुए कॉर्पोरेट हाउस की गिद्ध दृष्टि इस क्षेत्र पर टिकी है और मोदी सरकार इनका सहयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को याद रखना चाहिए कि देश को आजाद कराने वाला किसान और मजदूर सरकार बदलन में भी सक्षम है। उन्होंने किसानों से 8 दिसंबर को किसान आंदोलन के समर्थन में आगे आने आह्वान किया।
किसानों ने तय किया कि यदि 8 तारीख तक कोई हल नहीं निकला तो ट्रैक्टर ट्रॉली रैली निकालकर समर्थन करेंगे। धरना सभा का संचालन किसान नेता अंकित चैहान ने किया। इस दौरान मुन्तजिर, रत्न सिंह, सगीर, मो शहरूबान, अजमोद मोदी, वकील, मोहब्बत, अफजल, नुर आलम, क्षेत्रपाल सिंह चैहान, युनूस प्रधान, आदिल, हाजी शहाबुद्दीन, जियाउलहक, संजय, जान आलम, तालिब, खालिद, सम्मुन, हुसैन अली, शेष राज आदि आदि बड़ी संख्या में किसान शामिल रहे।