खेलों मे लक्ष्य प्राप्ति मेे मेडिटेशन की भूमिका पर कार्यशाला का आयोजन किया

Haridwar News
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तनवीर

हरिद्वार, 11 फरवरी। गुरूकुल कांगडी समविश्वविद्यालय के योग एवं शारीरिक शिक्षा संकाय के अन्तर्गत शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग मे खेलों मे लक्ष्य प्राप्ति मे मेडिटेशन की भूमिका विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला मे इटली की अन्तर्राष्ट्रीय योग प्रशिक्षक तथा बास्केटबाॅल खिलाडी यूलिया जैनेरी ने मेडिटेशन से खेलो मे लक्ष्य प्राप्ति पर जानकारी प्रदान की। कार्यशाला का शुभारम्भ कुलसचिव प्रो.सुनील कुमार तथा डीन योग एवं शारीरिक शिक्षा संकाय प्रो.सुरेन्द्र कुमार ने किया। प्रो.सुरेन्द्र कुमार ने कहा कि योग का आहार के साथ गहरा सम्बंध है।

आहार की शुद्वि से योग की जटिलता को सरलतम बनाने मे मदद मिलती है। उन्होने कहाॅ कि योग मात्र विषय नही बल्कि जीवन शैली है। कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार ने कहा कि गुरूकुल का योग मे विशेष महत्व है। वही शारीरिक शिक्षा एवं खेल मे भी गुरूकुल एक नये आयाम की ओर बढ रहा है। वेद, संस्कृत, दर्शन जैसे परंपरागत ज्ञान से जुडे विषयो के साथ योग की अलख को पूरी दुनिया मे जगाने का काम गुरूकुल के स्नातको ने बखूबी किया है। व्याख्यान देते हुए यूलिया जैनेरी ने कहा कि खेल तत्काल उत्साह एवं अमंग पैदा करता है।

खेलो मे उत्सर्जित होने वाली ऊर्जा को लक्ष्य प्राप्ति मे सहायक बनाने के लिए मानसिक एकाग्रता जरूरी है। जिससे मेडिटेशन की भूमिका अहम है। मन, बुद्वि तथा विवेक मे सामंजस्य स्थापित होने से लक्ष्य प्राप्ति संभव होती है। उन्होने कहा कि पूरी दुनिया योग से जुडना चाहती है तथा योग के रहस्यों को जानने के लिए भारत का मार्गदर्शन प्राप्त कर रही है। भारत मे गुरूकुल जैसी संस्था मे योग की बात एक विदेशी के माध्यम से करना न्याय संगत नही है। योग को ओर नजदीक से जानने एवं समझाने के लिए गुरूकुल से बेहतर कोई ओर स्थान नही हो सकता। यूलिया जैनेरी ने गुरूकुल को नजदीक से जानने के लिए योग विज्ञान विभाग, पुरातत्व संग्राहलय का भी भ्रमण किया। विश्वविद्यालय के आतिथेय एवं आभार के लिए यूलिया जैनेरी ने कुलपति प्रो.सोमदेव शतान्शु से भी भेट की।

प्रो.शतान्शु ने संस्कृत एवं वेद के माध्यम से गुरूकुल की विशेषता तथा नई शिक्षा नीति मे गुरूकुल की मूल भावना को समाहित करने पर भारत की दीर्ध योजना पर चर्चा की। शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग द्वारा समापन सत्र पर यूलिया जैनेरी को भारतीय परम्परानुसार अंग वस्त्र एवं सम्मान चिन्ह भेट किया। कार्यशाला मे डा.अजय मलिक, डा.शिवकुमार चैहान, डा.कपिल मिश्रा, डा.अनुज कुमार, डा.उधम सिंह, प्रणवीर सिंह, कनिक, सुनील कुमार, दुष्यंत सिंह राणा, डा.निष्कर्ष शर्मा, डा.राजीव शर्मा, डा.योगेश्वर दत्त, शिक्षकेत्तर कर्मचारी धर्मेन्द्र बिष्ट, निकंुज यादव, संजय सिंह, संरेन्द्र सिंह, जतिन्द्र कुमार, कुलदीप, जागेन्द्र कुमार तथा शोध छात्र उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डा.अजय मलिक तथा शान्ति पाठ एवं समापन डा.शिवकुमार चैहान ने किया।

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