विक्की सैनी
हरिद्वार, 6 जून। जूना अखाड़े के अन्तरराष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीमंहत विनोद गिरी महाराज ने बाबा अमीर गिरी घाट पर गरीब साधुओं व असहाय लोगों को भोजन व आर्थिक सहायता के साथ मास्क, सेनेटाइजर व साबुन आदि भी वितरित किए गए। इस अवसर पर श्रीमंहत विनोद गिरी महाराज ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में सभी को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए घरों में रहकर ही प्रभु की भक्ति में लीन रहना चाहिए। संत समाज प्रारम्भ काल से ही सेवा प्रकल्पों के माध्यमों से असहाय लोगों की मदद करता चला आ रहा है।
गरीब, निर्धन, परिवारों की सेवा करना ही संत महापुरूषों का मूल उद्देश्य है धार्मिक कार्यक्रमों से मिलने वाली दक्षिणा पर निर्भर रहने वाले साधुओं के सामने लाॅकडाउन के चलते खाने का संकट गहरा गया है। लाॅकडाउन में संत समाज लगातार सेवा प्रकल्पो के द्वारा समाज की लगातार सेवा कर रहा है। अन्नक्षेत्र के माध्यम से भी भूपतवाला क्षेत्र सहित सम्पूर्ण हरिद्वार में संतो के द्वारा गरीबों की मदद की जा रही है। सभी को बढ़चढ़ कर इस संकट की घड़ी में मदद के लिए आगे आना चाहिए। सेवा कार्यो से ही महामारी से उत्पन्न चुनौतियों से निपटा जा सकता जा सकता है। उन्होंने कहा कि संतो का जीवन परमार्थ को समर्पित होता है और परोपकार से ही संतो की पहचान है।
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से पूरे विश्व में आर्थिक मंदी का दौर शुरू हो गया है। जिससे दिहाड़ी मजदूर वर्ग को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है। सरकारांे को आपसी सामंजस्य स्थापित करते हुए मजदूरों की घर वापसी के प्रयास तेज करने चाहिए। श्रीमहंत विनोद गिरी महाराज ने कहा कि राज्य एवं केंद्र सरकार कोरोना मुक्ति को लेकर कार्य योजनाएं बना रही है। प्रत्येक नागरिक को निर्देशों का पालन करना चाहिए। कोरोना वारियर के रूप में अनेकों अधिकारी कर्मचारी अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
उत्तराखण्ड के प्रवासियों को अपने घरों में भेजने के लिए प्रशासन द्वारा अच्छे इंतजाम किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि संत महापुरूष लगातार सरकार को अपना सहयोग कर रहे हैं। मिलजुल कर ही कोरोना की जंग को जीता जा सकता है। इस दौरान साध्वी सुनयना गिरी, स्वामी राजेश गिरी, पहलवान बाबा, स्वामी कृष्ण गिरी, साध्वी आशा मुनि, महंत राकेश गिरी, स्वामी श्यामगिरी, स्वामी बलवान गिरी, साध्वी सुमन गिरी, राजेश लखेड़ा, सत्यप्रकाश जखमोला, अमित कुमार, मुन्नी गिरी, धरमवीर, मोहित, सेवक गिरी, साध्वी गंगा गिरी, साध्वी चमेली गिरी आदि उपस्थित रहे।