निरोगी जीवन प्रदान करता है योग-प्रोफेसर त्रिलोकचंद

Haridwar News
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कमल खडका

हरिद्वार, 3 जुलाई। योग विशेषज्ञ प्रोफेसर त्रिलोकचंद ने कहा कि वर्तमान में पूरी दुनिया कोरोना महामारी से ग्रस्त है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। योग व प्राणायाम के नियमित अभ्यास से कोरोना महामारी से बचाव किया जा सकता है। गुरूकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में दर्शन शास्त्र विभाग के अध्यक्ष रहे प्रोफेसर त्रिलोकचंद ने प्रैस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि प्राणायाम करने व्यक्ति की प्राणशक्ति व रोग प्रतिरोधाक क्षमता में अत्यधिक वृद्धि होती है।

कोरोना की दूसरी लहर में आॅक्सीजन की कमी के चलते मरीजो को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। प्राणायाम शरीर में आॅक्सीजन का स्तर बढ़ाने में भी सहायक है। महर्षि पतंजलि ने योगदर्शन में कई प्रकार के प्राणायामों का उल्लेख किया है। यदि किसी विशेषज्ञ की देखरेख में प्राकृतिक वातावरण में प्राणायाम का नियमित रूप से अभ्यास किया जाए तो आॅक्सीजन लेवल को सामान्य बनाए रखने के साथ निरोगी जीवन पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रकृति की अनदेखी व वृक्षों के कटान के कारण पैदा हुए प्राकृतिक असंतुलन के चलते मानव को कई प्रकार के रोगों का सामना करना पड़ रहा है

सुखी व निरोगी जीवन के लिए वृक्षों का सर्वाधिक महत्व है। इसलिए सभी को अधिक से अधिक पौधारोपण कर उनका संरक्षण करना चाहिए। यदि पृथ्वी पर वृक्ष होंगे तो जीवन भी रहेगा। इसलिए वृक्षों की रक्षा करें। प्राकृतिक संतुलन स्थापित करने में सहयोग करें। गौरतलब है कि गुरूकुल कांगड़ी विवि में दर्शन विभाग में तैनात रहे प्रोफेसर त्रिलोकचंद विवि के योग केंद्र के डायरेक्टर भी रहे। देश विदेश में योग का प्रचार प्रसार करने के साथ उन्होंने संगीत द्वारा ध्यान विधि को विकसित किया है।

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