तनवीर
हरिद्वार, 7 अक्टूबर। आश्रम और अखाड़ों को प्रदूषण नियंत्रण इकाई द्वारा सीवर, प्रदूषण आदि टैक्स का नोटिस भेजे जाने पर संत समाज में भारी रोष है। कनखल स्थित निर्मल संतपुरा आश्रम में हुई संत समाज की बैठक में संतो ने एकमत होकर सरकार के निर्णय पर विरोध जताया। इस अवसर पर निर्मल संतपुरा आश्रम के परमाध्यक्ष संत जगजीत सिंह शास्त्री ने कहा कि अखाड़ों, आश्रमों को सरकार द्वारा नोटिस भेजा जाना निंदनीय है। कोई भी आश्रम या अखाड़ा प्रदूषण नहीं फैलता। पूर्व में भी एक बार आश्रमों व अखाड़ों को नोटिस जारी किए गए थे।
तब केबिनेट मंत्री मदन कौशिक से मुलाकात कर संत समाज ने विरोध जताया था। कैबिनेट मंत्री ने आश्वासन दिया था कि अब कभी इस प्रकार का नोटिस नहीं आएगा। लेकिन विभाग द्वारा एक बार फिर से आश्रमों व अखाड़ों को नोटिस भेजे जा रहे हैं। सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि बीजेपी सरकार संतो के साथ अन्याय कर रही है।
बार बार नोटिस भेजकर संत समाज का अपमान किया जा रहा है। संतो का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार के खिलाफ आंदोलन भी करना पड़ा तो संत समाज पीछे नहीं हटेगा। उत्पीड़न किया गया तो संत महाकुंभ का भी बहिष्कार कर सकते हैं। स्वामी रूपेंद्र प्रकाश ने कहा कि एसटीपी लगाने का कार्य सरकार को स्वयं करना चाहिए।
सभी आश्रमों के पास इतना धन भी नहीं है कि अपना एसटीपी संयंत्र लगा सकें। सरकार को आश्रम अखाड़ों को परेशान करने के बजाए सुविधा देनी चाहिए। स्वामी रवि देव शास्त्री ने कहा कि नोटिस भेजे जाने से संतो में नाराजगी है और इस संदर्भ में जल्द ही मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक व जिलाधिकारी से वार्ता की जाएगी। यदि संतों की मांग नहीं मानी गई तो आंदोलन का रास्ता खुला है।
बैठक में स्वामी संतोषानंद, स्वामी दुर्गा दास, स्वामी मंजीत सिंह, स्वामी मंगल दास, डा.हरिहरानंद, मोहन सिंह, स्वामी सुदीक्ष्ण मुनि, स्वामी योगानंद, स्वामी सुमित दास, स्वामी रविंद्रानंद्, स्वामी देवानंद, स्वामी प्रहलाद दास, स्वामी ओमानंद, स्वामी श्रवण मुनि, स्वामी गिरीशा नंद, स्वामी प्रेम दास, स्वामी दिनेश दास शास्त्री, स्वामी गुरमुख सिंह, स्वामी कमल पांडे, कांग्रेस नेता संजय पालीवाल आदि उपस्थित रहे।