राहत अंसारी
हरिद्वार, 18 अ्रप्रैल। कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए रविवार को लगाए गए क्रफ्यू का व्यापक असर दिखाई दिया। हरिद्वार, ज्वालापुर, कनखल सहित पूरे शहर में बाजार बंद रहे। सड़कों पर वाहन भी बेहद कम संख्या मे दिखाई दिए। हरकी पैड़ी सहित तमाम घाटों पर बेहद कम संख्या में श्रद्धालु नजर आए। केवल कुंभ स्नान करने आए श्रद्धालु ही घाटों पर नजर आए। हालांकि दवा फल, सब्जी, दूध, राशन आदि जरूरी चीजों की दुकानें खुली रही।
रोड़वेज बसें भी चलती रही। नियमों का पालन करते हुए लोग घरों में ही रहे। साप्ताहिक क्रफ्यू के पहले दिन प्रशासन की ओर से ज्यादा सख्ती नहीं की गयी, लोगों ने भी घरों में रहकर प्रशासन का सहयोग किया। नवरात्रों के चलते मंदिरों में होने वाली भीड़ भी नहीं दिखी। श्रद्धालुओं ने घरों में रहकर ही पूजा अर्चना की। रमजान का महीना चल रहा है। लेकिन अधिकांश लोगों ने नियमों का पालन करते हुए मस्जिदों के बजाए घरों में ही रमजान की नमाज अदा की। रविवार को लागू किए गए क्रफयू ने पिछले हुए लाॅकडाउन की यादें भी ताजा कर दी।
समाजसेवी पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि कोरोना के मामले तेजी से बढ़ना सभी के लिए चिंता का विषय है। सभी को कोरोना को हराने में सहयोग करना चााहिए। उचित दूरी का पालन करें। अनावश्यक रूप से बाहर ना निकलें। बाहर जाने पर मास्क अवश्य पहनें। कोरोना के खतरे को देखते हुए सरकार ने साप्ताहिक क्र्फ्यू लगाने का फैसला किया है। सरकार के इस फैसले से पिछले एक साल से मंदी की मार झेल रहे हलवाई समाज, छोटे व्यापारियों, ठेली फड़ आदि लगाकर परिवार चलाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। सरकार को इस वर्ग को सहायता पहुंचानी चाहिए। बिजली, पानी के बिलों, स्कूल फीस व अन्य करों की अदायगी में ही यदि सरकार छूट दे तो गरीब मध्यम वर्ग को बड़ी राहत मिल सकती है।