गौरव रसिक
हरिद्वार, 19 नवम्बर। अखिल भारतीय वीर गुर्जर महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष व किसान नेता लाखन सिंह गुर्जर ने कहा कि लोकतंत्र में जनता की आवाज दबाई नहीं जा सकती। देर सवेर ही सही सरकार को जनता के सामने झुकना ही पड़ता। काले कृषि कानून को लेकर मोदी सरकार को भी झुकना पड़ा है। लेकिन किसान आंदोलन से पीछे हटने वाले नहीं हैं । किसानों की मांग है लोकसभा में तीनों कानूनों को खारिज किया जाए।
लाखन सिंह गुर्जर ने कहा कि किसानों के लंबे संघर्ष के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि कानूनों को वापस लेने की जो घोषणा की है। उसे किसान सकारात्मक रूप से देखते हैं। लेकिन केवल घोषणा से काम चलने वाला नहीं है। कानून लिखित में वापस होने चाहिए। तीनों कृषि कानूनों के विरोध में देश भर के किसानों को दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन करते हुए लगभग 1 वर्ष हो गया है। इस दौरान किसानों ने कड़कड़ाती ठंड, तपती दोपहरी, मूसलाधार बारिश को झेला है। किसानों पर अनेकों प्रकार के आरोप भी लगाए गए। आंदोलन में 700 से ज्यादा किसानों की शहादत हुई है।
सरकार को लोकसभा में प्रस्ताव लाकर तीनों कानूनों को रद्द करना चाहिए और एसएसपी पर गांरटी देने वाला कानून संसद में पास करना चाहिए। किसानों को लेकर अभी बहुत से कानून कतार में है। प्रधानमंत्री को चाहिए संयुक्त मोर्चे के नेताओं की बैठक बुलाकर वाले प्रत्येक कानून पर विस्तार पूर्वक चर्चा करें और किसान नेताओं को संतुष्ट कर ससम्मान घर वापसी कराएं।