विडियो:-पुलिस ने किया बेरोजगारों से ठगी करने वाले गिरोह के सरगना को गिरफ्तार

Haridwar News
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तनवीर


सरगना को डीएम बताकर सरकारी नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी करता था गिरोह
हरिद्वार, 30 सितम्बर। खुद को डीएम बताकर सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर बेरोजगारों से धन व संपत्ति हड़पने वाले गैंग का पर्दाफाश करते हुए ज्वालापुर कोतवाली व रानीपुर कोतवाली पुलिस टीम ने गैंग के मुख्य सरगना को गिरफ्तार किया है। मुख्य सरगना को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश में जुट गयी है। गिरफ्तार गैंग सरगना लोगों को प्रभावित करने के लिए उत्तराखंड सरकार की नेम प्लेट लगी गाड़ी, ड्राईवर एवं गनर साथ रखता था।
सीओ ज्वालापुर निहारिका सेमवाल ने बताया कि खन्ना नगर निवासी चेतना अरोड़ा पुत्री स्वर्गीय अमरनाथ अरोड़ा ने पुलिस को तहरीर देकर निहार कर्णवाल पुत्र स्वर्गीय राजेंद्र कर्णवाल निवासी खन्ना नगर पर स्वयं को उधमसिंह नगर का डीएम बताते हुए पीडब्लयूडी में निरीक्षण अधिकारी के पद नौकरी दिलवाने के नाम पर धोखाखड़ी कर डेढ़ लाख रूपए और भाई का मकान हड़पने का आरोप लगाते हुए मुकद्मा दर्ज कराया था। मुकद्मा दर्ज करने के बाद विवेचना रेल चैकी प्रभारी एसआई विकास रावत को सौंपी गयी।

विवेचना के दौरान सामने आया कि निहार कर्णवाल ने पीडब्लयूडी में नौकरी दिलाने के नाम पर चेतना से 6.50 लाख रूपए की मांग की। जिस पर चेतना की मां ने निहार कर्णवाल को 1.50 लाख रूपए दे दिए। बाद में निहार ने बताया कि वह नौकरी अब समाप्त हो गयी है। लेकिन वह उसकी नौकरी एसडीएम के पद पर लगा सकता है। इसके लिए 70 लाख रूपए देने होंगे। एसडीएम की नौकरी के लिए वह 70 लाख रूपए देने पर सहमत हो गयी। पैसों की व्यवस्था नहीं होने पर निहार ने कहा कि वह अपने साथियों के माध्यम से एक दिन में चेतना के भाई का मकान बिकवाकर पैसों की व्यवस्था करा सकता है।

इसके बाद 30 अगस्त को उसने अपनी साथी मेमकिला के साथ रजिस्ट्रार आॅफिस जाकर लिखा पढ़ी करने की बात कहते हुए उसके भाई को दो चैक दिए, जिन्हे आरटीजीएस करने की बात कहकर बाद में वापस ले लिया। आरोपी निहार ने चेतना के साथ धोखाधड़ी करते हुए पैसे व उसके भाई का मकान भी हड़प लिया। चेतना के पैसे वापस मांगने पर निहार ने कहीं शिकायत करने पर उसे और उसकी मां को जान से मारने की धमकी दी। आवश्यक जांच पड़ताल करने के बाद पुलिस टीम ने आरोपी निहार कर्णवाल को ऋषिकुल तिराहे के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में निहार ने बताया कि वह अपने अन्य साथियो निशांत कुमार गुप्ता, निखिल बेनिवाल व उसकी माता मेमकिला के साथ मिलकर एक गिरोह के रूप में काम करते हैं व षडयंत्र के तहत बेरोजगार युवक-युवतियो को अपना निशाना बनाकर उनको सरकारी नौकरी का लालच देकर ठगी करते हैं।

प्रोपर्टी डीलर का काम करने वाले गैग के सदस्य निखिल बेनीवाल के माध्यम से संपत्ति उसके तथा परिवार के नाम पर गिफ्ट करवा लेते हैं तथा बाद में बेच देते हैं। इसके अलावा सुनारों से किसी व्यक्ति का चैक लगाकर सोना खरीद लेते हैं। बाद में उस सोने को किसी दूसरे सुनार को सस्ते दामों में बेचने का लालच देकर उससे पैसा लेकर फरार हो जाते हैं। सीओ ने बताया कि गैंग ने निहार कर्णवाल को जिला अधिकारी बताकर शिवालिक नगर निवासी एक महिला को शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण किया तथा उसके परिवार को विश्वास में लेकर पीड़िता की माता से कुछ प्लाट अपने नाम पर गिफ्ट करवा लिए। फर्जी कागजात के आधार पर उनकी कारें भी हड़प लीं।

इस संबंध में पीड़िता की और रानीपुर कोतवाली में मुकद्मा दर्ज कराया गया है। बताया कि गिरोह के अन्य सदस्यों निशांत कुमार गुप्ता, निखिल बेनीवाल व मेमकिला की तलाश की जा रही है। जल्द ही सभी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा
पुलिस टीम में सीओ ज्वालापुर निहारिका सेमवाल, ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी कुन्दन सिंह राणा, रानीपुर कोतवाली प्रभारी नरेंद्र बिष्ट, ज्वालापुर कोतवाली के एसएसआई संतोष सेमवाल, रेल चैकी प्रभारी एसआई विकास रावत, रानीपुर कोतवाली की एसआई पूजा मेहरा, कांस्टेबल दीपक चैहान व अंकित कवि शामिल रहे।

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