विडियो:-मुठभेड़ के बाद पुलिस ने दबोचे चिकित्सक के हत्यारोपी

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तनवीर


हरिद्वार, 12 फरवरी। जिला अस्पताल में संविदा पर तैनात डाक्टर की हत्या करने वाले तीन बदमाशों को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। देर रात हुूई मुठभेड़ के दौरान दो बदमाश गोली लगने से घायल हो गए। जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। जबकि एक को पुलिस ने मौके पर ही दबोच लिया। बदमाशों ने लूटपाट के बाद चिकित्सक की गला दबाकर हत्या कर दी थी। हत्या करने के बाद शव को नहर पटरी के किनारे फेंक कर फरार हो गए थे। आरोपियों के कब्जे से चिकित्सक की बुलेट मोटरसाइकिल, घड़ी, जूते, दो तमंचे 315 बोर, दो जिंदा कारतूस, दो खोखा राउंड कारतूस बरामद हुए हैं।

एसएसपी ने पुलिस टीम को 5000 रूपए एवं आईजी गढ़वाल रेंज ने 15000 रूपए इनाम देने की घोषणा की है।
एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल ने बताया कि 31 जनवरी को रानीपुर झाल के पास नहर पटरी के किनारे जिला अस्पताल में संविदा पर तैनात डा.गोपाल गुप्ता का शव बरामद हुआ था। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भिजवाया। डा.गोपाल के पिता लकसर मेन बाजर निवासी राजकुमार गुप्ता ने पुलिस को तहरीर देकर हत्या का मुकद्मा दर्ज कराया था। मुकद्मा दर्ज करने के बाद घटना के खुलासे के लिए पुलिस व सीआईयू टीम का गठन किया गया।

आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस टीम को मंगलवार देर रात मुखबिर से सूचना मिली कि चिकित्सक की हत्या में संलिप्त 3 बदमाश एक मोटरसाइकिल से कलियर की ओर से कोर कॉलेज की तरफ आ रहे हैं। सूचना मिलते ही हरकत में आयी टीम ने कोर कॉलेज के पास आने जाने वाले वाहनों की चौकिंग शुरु की तो कुछ देर बाद एक संदिग्ध मोटरसाइकिल पर तीन व्यक्ति आते दिखे। रूकने का इशारा करने पर संदिग्ध मोटरसाइकिल को पीछे मोड़कर खेतों की तरह भाग गए और पुलिस पर फायरिंग करने लगे।

बचाव में पुलिस द्वारा की गई जवाबी फायरिंग में दो बदमाश मुदस्सिर पुत्र इस्लाम व हनीफ उर्फ समीर उर्फ समीर पुत्र इस्लाम निवासी ग्राम तेलवी मोरी थाना देवबद सहारनपुर उ.प्र. पैर में गोली लगने से घायल हो गए जबकि तीसरे बदमाश अशरफ पुत्र अब्दुल हमीद निवासी मुकरपुर थाना कलियर हरिद्वार को टीम ने मौके पर ही दबोच लिया। गोली लगने से घायल बदमाश मुदस्सर लूट के मामले में देवबंद से जेल जा चुका है।
एसएसपी ने बताया कि तीनों आरोपी जर्स कंट्री अथवा अन्य शराब के ठेके के इर्द-गिर्दऐसे व्यक्तियों की तलाश में रहते थे जो या तो नशे की हालत में हो या बिल्कुल अकेला हो और उसके पास से नगदी सौ दो सौ हजार या कुछ भी मिल सके। ऐसे लोगों से ये लोग अपनी तरफ से शराब पिलाकर दोस्ती कर लेते थे और चुपके से पैसे निकाल अथवा छीन लेते थे। इस कारण जेब से हजार दो हजार पैसे निकल जाने पर नशे वाला व्यक्ति सोचता था कि पैसे कहीं गिर गये या अमाउंट छोटा है या अन्य कारणों से कभी किसी ने पुलिस से शिकायत नहीं की। घटना के दिन तीनों आरोपी जर्स कंट्री के नजदीक स्थित शराब के ठेके के नजदीक थे और मृतक शराब के नशे में था और दोपहिया वाहन (बुलेट मोटर साइकिल) का तेल खत्म हो जाने के कारण मोटरसाइकिल को सड़क किनारे लगाकर तेल की व्यवस्था करने के प्रयास कर रहा था कि तभी मौके की तलाश में पहले से बैठे तीनों आरोपियों ने ठेके से थोड़ी दूर महादेव ढाबे के पास गोपाल गुप्ता से बातचीत की और मोटरसाइकिल घड़ी इत्यादि देखकर उससे दोस्ती बढ़ाई व शराब भी पिलाई एवं तेल लाने और शराब दिलाने का लालच देकर उसे अपने ई-रिक्शे पर बैठा लिया। इसके बाद तीनों उसे बहादराबाद नहर पटरी की तरफ सुनसान में ले गए और मौका देखकर घड़ी, पर्स नगदी लगभग 7500 हजार रुपए छीनने की कोशिश की। डा.गोपाल गुप्ता ने विरोध किया तो तीनों ने मिलकर उसके मफलर से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी और मृतक के पैर में पहने जूते निकालने के बाद शव को नहर पटरी के किनारे फेंक दिया। इसके बाद उसकी बुलेट मोटरसाइकिल लेकर चले गए। आरोपियों के कब्जे से घड़ी, मोटरसाइकिल पुलिस ने बरामद कर ली है। लूटे गए पैसे आरोपियों ने खर्च कर दिए।
पुलिस टीम में सीओ ज्वालापुर अविनाश शर्मा, एसओ बहादराबाद नरेश सिंह राठौड़, एसआई खेमेन्द्र गंगवार, एसआई यशवीर, एसआई जगमोहन एसआई देवेंद्र, एएसआई तरुण, हेडकांस्टेबल देशराज, कांस्टेबल बलवंत, संतोष, मुकेश नेगी, रणजीत, निर्मल तथा सीआईयू टीम में इंस्पेक्टर दिकपाल सिंह कोहली, एसआई पवन डिमरी, हेडकांस्टेबल विवेक यादव, वसीम, हरवीर, नरेंद्र शामिल रहे।

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