तनवीर
हरिद्वार, 12 फरवरी। सन्त शिरोमणी श्री गुरु रविदास के 648वें प्रकटोत्सव पर विधायक मदन कौशिक ने श्री गुरु रविदास मन्दिर मौहल्ला कडच्छ ज्वालापुर पहुंच कर सतगुरु रविदास की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और महापूजा में भाग लिया। गुरु रविदास को नमन करते हुऐ मदन कौशिक ने कहा कि आज से लगभग साढ़े छः सौ वर्ष पूर्व माघ पूर्णिमा के दिन अवतरित हुए रविदास नें समाज में फैली जातिवादी मानसिकता, छुआछूत और अश्पृश्यता का घोर विरोध किया और ऊंच नीच के भेदभाव को समाप्त करने के लिये संघर्ष किया। उनका मानना था कि जन्म से कोई ऊंचा या नीचा नही होता सभी अपने कर्मों के कारण ही अच्छे बुरे और छोटे बड़े हों जाते हैं। मदन कौशिक ने कहा कि सन्त रविदास मानव मात्र को एक सामान मानते थे और उन्होंने समाज में व्याप्त वर्ण व्यवस्था की घोर निन्दा की।
धर्म परिवर्तन के कठिन दौर में भी उन्होंने अपना धर्म नही छोड़ा और सनातन की रक्षा के लिये सिंकदर लोधी के कैदी बनकर भी घोर यातनाएँ सही। लेकिन धर्म परिवर्तन नही किया। रविदास सबके लिये एक समान अधिकारों की बात करते थे। समाज को एकसूत्र में बांधकर समाज में फैली कुरीतियों और पाखण्डवाद को दूर करने के लिए संत रविदास की शिक्षाएं आज के समय में बहुत ही प्रासंगिक हैं। इस अवसर पर श्यामल प्रधान, रवि प्रकाश, अशोक हरदयाल, शिवपाल रवि, योगेंद्र पाल, राजन कुमार, मेहरचंद दास, आशीष कुमार, विनोद कुमार, सतीश कुमार, राजेंद्र लांबा, संदीप कुमार, प्रवेश कुमार, टेकचंद, महीपाल, पवन दबोड़िए, अरविंद नौटियाल, योगेश, रमेश, अभिषेक, दीपांशु, लोकेश, दुष्यंत आदि मौजूद रहे।