कन्याआंें का पूजन करने के साथ उनके संरक्षण संवर्द्धन का संकल्प भी जरूरी-पंडित अधीर कौशिक

Dharm
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अमरीश


हरिद्वार, 28 सितम्बर। श्री अखंड परशुराम अखाड़े के तत्वाधान में श्री परशुराम घाट पर आयोजित नौ दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत कथा के तीसरे दिन कथा व्यास भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने वेदों पुराणों एवं शास्त्रों के रचनाकर वेदव्यास के जन्म की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि वेदव्यास माता सत्यवती के पुत्र थे। द्वैपायन दीप में तपस्या करने तथा उनके शरीर का रंग काला होने के कारण उन्हें कृष्ण द्वैपायन कहा जाने लगा।

वेदों का भाष्य करने के कारण वे वेदव्यास के नाम से विख्यात हुए। भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया कि तीसरे नवरात्रि पर मां चंद्रघंटा का पूजन किया जाता है। तपस्या करते-करते मां भगवती के मस्तक पर घंटा का आकार प्रकट हो गया। इसीलिए मां का नाम चंद्रघंटा पड़ गया। जो व्यक्ति मां चंद्रघंटा का पूजन एवं मां की लीलाओं, कथाओं का श्रवण करता है या कराता है मां भगवती उसकी समस्त मनोकामना पूर्ण करती है।
इस अवसर पर श्री अखंड परशुराम अखाड़े के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि नवरात्र में लोग कन्याओं का पूजन करते हैं। लेकिन यह पूजन तभी सफल होगा जब देश में कन्या सुरक्षित रहेंगी। कन्याओं के साथ अत्याचार, दुराचार, पापाचार की घटनाएं देवी भक्तों के लिए भी शर्मनाक हैं। नवरात्र के पावन अवसर पर सभी को कन्याओं के संरक्षण संवर्द्धन का संकल्प भी लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि अखंड़ परशुराम अखाड़े द्वारा करायी जा रही श्रीमद् देवी भागवत कथा उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी सहित अत्याचार और दुराचार की शिकार हुई सभी कन्याओं को समर्पित है। सुषमा शर्मा, बसंती देवी, संगीता गुप्ता, दुर्गा देवी, यशोदा देवी, अनुराग अरोड़ा, पंचपुरी हलवाई कल्याण समिति के अध्यक्ष ओम कश्यप ने व्यासपीठ का पूजन किया।

इस अवसर पर श्री परशुराम घाट न्यास के अध्यक्ष रविकांत शर्मा, एपी शर्मा, केसी शर्मा, अश्वनी कौशिक, पार्षद प्रतिनिधि प्रीत कमल सारस्वत, पंडित यशपाल शर्मा, विष्णु शर्मा, अरुणा शर्मा, सार्थक शर्मा, पंडित सतीश तिवारी, पंडित मोहित सेमवाल, पंडित आकाश बर्तवाल, दीपक शर्मा, कुलदीप शर्मा, डा.अशोक शर्मा आदि ने मां भगवती का पूजन किया एवं सरदार भगत सिंह की जयंती पर उनका भावपूर्ण स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

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