त्याग, तपस्या और सेवा की साक्षात प्रतिमूर्ति थे स्वामी शांतानंद शास्त्री : मदन कौशिक

Haridwar News
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तनवीर


श्री जगदीश आश्रम में संतजनों ने दी ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी शांतानंद शास्त्री जी महाराज को भावभीनी श्रद्धांजलि
हरिद्वार, 28 सितंबर। उत्तरी हरिद्वार की प्रख्यात धार्मिक संस्था श्री जगदीश आश्रम के ब्रह्मलीन परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी शांतानंद शास्त्री जी महाराज को उनकी छठी पुण्यतिथि पर स्वामी योगेन्द्रानन्द शास्त्री के संयोजन में आयोजित श्रद्धाजंलि समारोह में संत समाज ने भावपूर्ण स्मरण करते हुए श्रद्धाजंलि अर्पित की। महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानंद महाराज की अध्यक्षता एवं आश्रम वर्तमान परमाध्यक्ष स्वामी योगेन्द्रानंद शास्त्री महाराज के संयोजन में विशाल श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया,

जिसमें भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं हरिद्वार के विधायक मदन कौशिक ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी शांतानंद शास्त्री जी महाराज त्याग, तपस्या और सेवा की साक्षात प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने संस्कृत के प्रचार प्रसार में अपना विशेष योगदान दिया स्वामी शंभूदेव संस्कृत महाविद्यालय का सफल संचालन इसका प्रमाण है। उन्होंने कहा कि वह परम गौभक्त थे उनकी विशाल गौशाला में सैकड़ों गायों का पालन पोषण और संरक्षण हुआ करता था जो आज भी निरंतर जारी है।
म.मं. स्वामी हरिचेतनानन्द जी महाराज ने कहा कि स्वामी शांतानन्द शास्त्री जी महाराज ने अखिल भारतीय गरीबदासीय महापरिषद की स्थापना कर गरीबदासीय सम्प्रदाय को एकजुट करने के साथ-साथ संत समाज की आपसी एकता को मजबूत करने का कार्य किया।
श्रीमहंत देवानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि म.मं. स्वामी शांतानन्द शास्त्री जी महाराज धार्मिक गतिविधियों के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में अग्रणीय भूमिका निभाते थे। उन्हांेने सदैव समाज के कमजोर व असहायजनों की सहायता करने का कार्य किया।
भाजपा पार्षद दल के उपनेता अनिरूद्ध भाटी ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि स्वामी शांतानंद शास्त्री जी महाराज दया, करुणा और स्नेह की निर्मल गंगा थे जिन्होंने सदैव संत समाज को सम्मान और भक्तजनों को अपने आशीर्वाद से अभिसिंचित किया। उनके अधूरे कार्य को उनके योग्य शिष्य एवं वर्तमान आश्रम के अध्यक्ष स्वामी योगेंद्रानंद शास्त्री जी महाराज पूरे कर रहे हैं। उन्होंने स्वामी योगेंद्रनंद जी महाराज के प्रति मंगलकामनाएं प्रकट करते हुए संस्था के सफल संचालन के लिए उन्हें बधाई दी।
संस्था के परमाध्यक्ष स्वामी योगेन्द्रानन्द शास्त्री जी महाराज ने कहा कि पूज्य गुरूदेव के पदचिन्हों पर चलते हुए संस्था सदैव धर्म के प्रचार-प्रसार, संस्कृत शिक्षा के उन्नयन व सामाजिक कार्यों में सदैव तत्पर रहती है।
इस अवसर पर संतजनों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर स्वामी दुर्गेशानन्द सरस्वती जी महाराज, स्वामी चिद्विलासानन्द जी महाराज, रविदेव शास्त्री, महंत दिनेश शास्त्री, ज्ञानानन्द शास्त्री, स्वामी विवेकानन्द, स्वामी कृष्णानन्द, स्वामी शिवानन्द, पार्षद विनित जौली, विदित शर्मा, पार्षद नितिन माणा, पार्षद लोकेश पाल, दीपांशु विद्यार्थी, मण्डल महामंत्री तरूण नैयर, आदित्य गौड़, सन्नी गिरि, डॉ. डी.एन. बत्रा, दिनेश बंसल समेत अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे।

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