गोवर्धन पूजन, परिक्रमा और दर्शन से नष्ट होते हैं समस्त पाप-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

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अमरीश


हरिद्वार, 3 अक्तूबर। श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट के तत्वाधान में गोकुलधाम कॉलोनी ज्वालापुर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पंचम दिवस पर भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने ब्रज मंडल में स्थित गोवर्धन की महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि एक बार पुलस्त्य मुनि भ्रमण करते हुए द्रोणाचल पर्वत पर जा पहुंचे वहां पर उन्होंने द्रोणांचल पर्वत के पुत्र गोवर्धन पर्वत को देखा। गोवर्धन को देख कर के पुलस्त्य मुनि के मन में आया कि गोवर्धन को काशी नगरी ले जाकर स्थापित किया जाए। द्रोणाचल पर्वत एवं गोवर्धन पर्वत दोनों ने विचार किया अगर पुलस्त्य मुनि की आज्ञा का पालन नहीं करते हैं तो मुनि श्राप दे देंगे। गोवर्धन ने पुलस्त्य मुनि के सामने शर्त रखी कि आप जहां भी मुझे स्थापित करोगे मैं वहां से आगे नहीं बढ़ूंगा।

पुलस्त्य मुनि ने शर्त को स्वीकार कर अपनी हथेली के ऊपर गोवर्धन को धारण किया और आकाश मार्ग से काशी नगरी के लिए चल पड़े। गोवर्धन ने जब ब्रज मंडल को देखा तो उन्हें स्मरण आया कि यहां पर प्रभु श्रीकृष्ण का प्राकट्य होने वाला है और मुझे कृष्ण लीला में सम्मिलित होना है। गोवर्धन ने अपना वजन बढ़ाया। पुलस्त्य मुनि शर्त भूल गए और गोवर्धन को नीचे रखकर विश्राम करने लगे। विश्राम के बाद जब उन्होंने गोवर्धन को उठाना चाहा तो गोवर्धन नहीं उठे। गोवर्धन ने कहा कि आपके और हमारे बीच हुई शर्त को याद कीजिए। शर्त के अनुसार अब मैं यहीं रहूंगा और भगवान श्रीकृष्ण की लीला में सम्मिलित होउंगा।

यह सुनकर पुलस्त्य मुनि को क्रोध आ गया और गोवर्धन को श्राप दिया कि आज से तुम प्रतिदिन तिल मात्र घटते जाओगे। जिस दिन तुम्हारा अस्तित्व मिट जाएगा। उसी दिन महाप्रलय होगा। तभी से गोवर्धन प्रतिदिन तिल मात्र घट रहे हैं। गोवर्धन का यह समर्पण देखकर स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन का पूजन किया और सभी ब्रजवासियों से गोवर्धन का पूजन कराया। भगवान श्रीकृष्ण ने कहा कि आज से जो गोवर्धन का पूजन, परिक्रमा और दर्शन करेगा। उसके समस्त पाप नष्ट हो जाएंगे और वह मेरे वैकुंठ लोक का अधिकारी बन जाएगा। इस अवसर पर मुख्य जजमान वीणा धवन, अंशुल धवन, सागर धवन, लक्ष्य धवन, ज्योति मदन, कनिषा मदन, कृष्ण गाबा, रेखा गाबा, पारुल, पूनम, दिनेश गोयल, अरुण मेहता, मालिका मेहता, मीनू सचदेवा, संजय सचदेवा आदि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन मौजूद रहे।

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