जगद्गुरू आश्रम में संतों ने किया पवित्र छड़ी का पूजन

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छड़ी यात्रा से सनातन धर्म संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा-स्वामी राजराजेश्वराश्रम
हरिद्वार, 3 अक्टूबर। श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े द्वारा निकाली जा रही पवित्र छड़ी नगर भ्रमण के दौरान सोमवार को कनखल स्थित जगद्गुरू आश्रम पहुंची। छड़ी के आश्रम पहुंचने पर जगद्गुरू शंकरांचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम, निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं मनसा मंदिर ट्रस्ट अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री एवं जूना अखाड़ा के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरिगिरि महाराज व जूना अखाड़ा अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज ने विधि विधन से छड़ी पूजन किया।

इस अवसर पर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने कहा कि जूना अखाड़े द्वारा निकाली जा रही पवित्र छड़ी यात्रा सनातन धर्म और संस्कृति को बढ़ावा देने का काम करेगी। जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज ने कहा कि सनातन धर्म एवं भारतीय संस्कृति के संरक्षण के लिए संत समाज ने हमेशा अग्रिम भूमिका निभाई है। जूना अखाड़े द्वारा शुरू की गई छड़ी यात्रा संपूर्ण भारत के विकास व सौभाग्य का मार्ग खोलेगी। उन्होंने कहा कि आतंकवाद पूरे विश्व के लिए बड़ी समस्या बन गया है।

उन्होंने कहा कि गुजरात में फेक आईडी के आधार पर गरबा प्रवेश करने का प्रयास कर रहे लोगों को गिरफ्तार कर गुजरात पुलिस ने सराहनीय कार्य किया है। निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज ने कहा कि जूना अखाड़ा के संरक्षक हरिगिरि महाराज के नेतृत्व में संत पवित्र छड़ी यात्रा निकालकर सनातन परम्परा के प्रति लोगों को जागरूक करने के साथ सनातन धर्म और संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन कर रहे हैं।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि जूना अखाड़ा के सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज के सानिध्य में नगर भ्रमण कर रही पवित्र छड़ी यात्रा को निमंत्रण देकर आमंत्रित किया और विधि विधान से पूजन कर सभी संतों ने लोककल्याण की कामना की। उन्होंने कहा कि देव छड़ी उत्तराखंड के जिस जिस क्षेत्र से होकर गुजरेगी उस क्षेत्र में धन और धान्य और ईश्वर की अनुपम कृपा बरसेगी।

श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि गरबा मां भगवती को प्रसन्न करने की एक साधना है। लेकिन गरबे में अन्य धर्म को मानने वाले लोगों को तभी आने का अधिकार है। जब वह हिंदू धर्म को अपनाएं और हिंदू देवी देवताओं में आस्था और विश्वास जताएं। अपनी आईडी छिपा कर गरबे में आकर सनातन परंपराओं से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने कहा कि यह देव कृपा से छड़ी यात्रा की शुरुआत हुई। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों को विकसित किया जाना बहुत जरूरी है।

इस अवसर पर श्रीमहंत प्रेम गिरी, श्रीमहंत महेश गिरी, श्रीमहंत शैलेंद्र गिरी, श्रीमहंत राजेंद्र गिरी, महंत महाकाल गिरी, महंत धीरेंद्र गिरी, महंत हीरा भारती पुरी, महंत सुरेशानंद सरस्वती, महंत पशुपति गिरी, महंत राज गिरी, महंत तूफान गिरी, महंत बलदेव पुरी, महंत अमृत पुरी, महंत गणेशानंद गिरी, महंत आदित्य गिरी, महंत भीम गिरी, महंत केशव गिरी आदि संत उपस्थित रहे।

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