संत समाज की दिव्य विभूति थे ब्रह्मलीन स्वामी लहरी बाबा-राजमाता आशा भारती

Haridwar News
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राकेश वालिया


हरिद्वार, 2 जुलाई। निराला धाम की परमाध्यक्ष राजमाता आशा भारती महाराज ने कहा कि प्राचीन काल से चली आ रही गुरू शिष्य परंपरा पूरे विश्व में अनूठी है। भूपतवाला स्थित निराला धाम में ब्रह्मलीन निराला स्वामी लहरी बाबा के श्रद्धांजलि समारोह के उपलक्ष्य में आयोजित संत समागम को संबोधित करते हुए राजमाता आशा भारती महाराज ने कहा कि गुरू का आदर सम्मान करने वाले और उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करने वाले शिष्य ही जीवन में उच्च मुकाम हासिल करते हैं। उन्होंने कहा कि ब्रह्मलीन निराला स्वामी लहरी बाबा संत समाज की दिव्य विभूति थे। धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में उनका अहम योगदान रहा।

उनकी शिक्षाएं सदैव समाज का मार्गदर्शन करती रहेंगी। सभी को ब्रह्मलीन निराला स्वामी लहरी बाबा की शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए राष्ट्र कल्याण में अपना योगदान सुनिश्चित करना चाहिए। महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन निराला स्वामी महान संत थे। जिन्होंने जीवन पर्यन्त मानव सेवा के साथ सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में अहम योगदान किया। उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए मानव सेवा में योगदान का संकल्प ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि समाज को ज्ञान की प्रेरणा देकर धर्म व अध्यात्म के मार्ग पर अग्रसर करने में ब्रह्मलीन निराला स्वामी लहरी बाबा की अहम भूमिका रही।

संत समाज के प्रेरणास्रोत ब्रह्मलीन स्वामी लहरी बाबा द्वारा स्थापित सिद्धपीठ नागेश्वर महादेव गद्दी की पूजा अर्चना करने वाले श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। राजमाता आशा भारती महाराज के परम शिष्य नित्यानंद व आश्रम के ट्रस्टीगणों ने सभी संत महापुरूषों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर महंत सूरज दास, महंत रघुवीर दास, महंत जयेंद्र मुनि, महंत बलवंत दास, महंत गोविंद दास, महंत दुर्गादास, स्वामी चिदविलासानंद, स्वामी शिवम महंत, सतपाल ब्रह्मचारी, महंत नारायण दास पटवारी, स्वामी कृष्णानंद, स्वामी ज्ञानानंद सहित बड़ी संख्या में संत महापुरूष व श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।

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