54 तीर्थ यात्रियों का रेस्क्यू करके बचाया,देखें विडियो

Uttarakhand
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तनवीर

श्री केदारनाथ धाम में दर्शन करने आ रहे तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित, सुगम व सुव्यवस्थित यात्रा संचालित कराने के लिए जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देशन में विभिन्न विभागों द्वारा यात्रा मार्ग से लेकर केदारनाथ धाम तक कई सुविधाएं एवं व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इसी के साथ आ रहे तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत केदारनाथ यात्रा मार्ग के संवेदनशील स्थानों व ग्लेशियर प्वाइंटों पर डीडीआरएफ, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, वाईएमएफ एवं पुलिस के जवान निरंतर यात्रा मार्ग एवं धाम में तैनात रहते हुए विषम कठिन परिस्थितियों में अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए तीर्थ यात्रियों की हरसंभव मदद कर रहे हैं।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने अवगत कराया है कि जिलाधिकारी के निर्देशों के क्रम में यात्रा मार्ग एवं केदारनाथ धाम में तैनात डीडीआरएफ, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, वाईएमएफ एवं पुलिस के जवानों द्वारा अपने दायित्वों का निर्वहन कुशलता के साथ किया जा रहा है तथा यात्रा मार्ग एवं धाम में गंभीर रूप से बीमार एवं घायल हुए तीर्थ यात्रियों को नजदीकी चिकित्सालय में उपचार हेतु पहुंचाया गया।

जहां गंभीर स्थिति में डाॅक्टरों द्वारा हायर सेंटर रैफर किए जाने पर टीमों द्वारा केदारनाथ में 31 तीर्थ यात्रियों का रेस्क्यू करते हुए हैलीपैड तक पहुंचाए गए तथा लिनचोली एवं रामबाड़ा आदि क्षेत्रों से 16 तीर्थ यात्रियों का रेस्क्यू करते हुए हायर सेंटर भेजे जाने हेतु गौरीकुंड तक पहुंचाया गया। इसके साथ ही लिनचोली से 4 तीर्थ यात्रियों को हैलीपैड़ पर पहुंचाया गया जिन्हें हायर सेंटर भेजा गया तथा सीतापुर-त्रियुगीनारायण हैलीपैड से 3 तीर्थ यात्रियों को पहुंचाया गया जिन्हें हायर सेंटर रैफर किया गया। उन्होंने अवगत कराया है कि उक्त टीमों द्वारा अब तक 54 तीर्थ यात्रियों का रेस्क्यू करते हुए उनकी जान को बचाया गया है l
उन्होंने यह भी अवगत कराया कि यात्रा मार्ग में तैनात उक्त टीमों के जवानों द्वारा विषम कठिन परिस्थितियों के बाद भी तीर्थ यात्रियों की जान बचाने में अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। उन्होंने यह भी अवगत कराया है कि भैरों ग्लेशियर व कुबेर ग्लेशियर पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए जवान निरंतर तैनात हैं जो यात्रियों को ग्लेशियर से आवाजाही करने में उनकी मदद कर रहे हैं ताकि कोई भी अप्रिय घटना न घटित हो सके।

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