विकास झा
हरिद्वार, 2 जून। समाजसेवी राजकुमार मुखर्जी वास्तविक कोरोना योद्धा साबित हो रहे हैं। लाॅकडाउन के दौरान सरकार की गाइडलाईन का पालन करते हुए एक सच्चे योद्धा की तरह राजकुमार मुखर्जी अपने प्राणों और अपने परिवार के लोगों की परवाह ना करते हुए कोरोना मरीजों की सेवा कर रहे हैं। एम्बुलेंस के माध्यम से मरीजों को हाॅस्पिटल एवं हाॅस्पिटल से घर पहुंचाना। जरूरतमंदों को भोजन व मरीजों को आॅक्सीजन उपलब्ध कराना। आम लोगों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए मास्क व सेनेटाइजर वितरण करने के साथ उन्होंने प्रधानमंत्री केयर फंड में भी सहयोग किया।
पत्रकारिता, ट्रैवल व्यवसाय के बाद वर्तमान में होटल क्लासिक हेरिटेज के मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर कार्य कर रहे राजकुमार मुखर्जी में समाज सेवा की भावना कूट-कूट कर भरी है। कोरोना की दूसरी लहर दौरान उन्होंने भेल के सौजन्य से एंबुलेंस चलाने की जिम्मेदारी ली। एंबुलेंस के माध्यम से उन्होंने लगातार मरीजों को हॉस्पिटल से घर एवं घर से हॉस्पिटल पहुंचाने का कार्य किया। इसके अलावा उन्होंने होटल से प्रतिदिन मरीजों के लिए टिफिन व्यवस्था भी शुरू की। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि इतना सब करने के बावजूद राजकुमार मुखर्जी को कोरोना योद्धा के रूप मे जो सम्मान मिलना चाहिए था।
वह नहीं मिला। लेकिन उन्हें इसका तनिक भी मलाल नहीं है। राजकुमार मुखर्जी ने कहा कि ईश्वर ने यह जीवन मानव सेवा के लिए दिया है और वह जीवन पर्यंत लोगों की सेवा करते रहेंगे। मुखर्जी ने बताया कि इस कार्य में उनके साथ वीर हकीकत राय जोन शिवालिक नगर, उत्तरांचल पंजाबी महासभा, वरिष्ठ समाजसेवी चेयरमैन हिमेश कपूर, अध्यक्ष नारायण आहूजा, सचिव सरदार सर्वजीत सिंह, कोषाध्यक्ष अजय अरोड़ा, उपाध्यक्ष हनी कथुरिया, प्रदीप सतीजा एवं अनीश ठेकेदार सहित अन्य लोग शामिल है। राजकुमार मुखर्जी ने कहा कि उनके जैसे तमाम ऐसे कम आय वाले लोग हैं, जिन्होंने दिन रात मरीजों की सेवा की है। लेकिन सरकार का ऐसे लोगों पर ध्यान नहीं है। गौरतलब है कि वर्तमान में भी राजकुमार मुखर्जी शिवालिक गेस्ट हाउस कोविड सेंटर में रात्रि सेवा कर मरीजों के लिए एंबूलेंस चला रहे है।