भ्रमण के लिए श्यामपुर पहुंची छड़ी का संतों व श्रद्धालुओं ने किया पूजन

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वरिष्ठ संवाददाता गोपाल रावत


हरिद्वार, 6 अक्टूबर। सनातन धर्म की रक्षा, धर्म प्रचार, उत्तराखंड के पौराणिक मंदिरों के जीर्णोद्धार, पलायन रोकने तथा तीर्थाटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े द्वारा निकाली जा रही पवित्र छड़ी यात्रा बृहष्पतिवार को श्यामपुर कांगड़ी गाजीवाली क्षेत्र में भ्रमण के लिए पहुंची। पौराणिक सिद्ध पीठ मायादेवी मंदिर में उत्तर प्रदेश सरकार के निवर्तमान सचिव मुन्नीलाल पांडे, अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्रीमहंत हरीगिरी व राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत प्रेम गिरी महाराज ने पवित्र छड़ी का पूजन कर नगर परिक्रमा हेतु रवाना किया।

ढोल बाजों के साथ पवित्र छड़ी गीता भवन मंदिर, गंगा मंदिर, दुःख हरण हनुमान मंदिर, बिरला घाट, चंडी चैक, गौरी शंकर महादेव होते हुए श्यामपुर स्थित श्रीमहंत प्रेम गिरी आश्रम पहुंची, जहां सुमेरु पीठाधीश्वर जगतगुरु नरेंद्रानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर रवि गिरी, महामंडलेश्वर संजय गिरी, श्रीमहंत शैलजा गिरी माता, पूर्व सचिव श्रीमहंत देवानंद सरस्वती ने स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ पवित्र छड़ी की पूजा अर्चना की।

श्रीमंहत हरिगिरी महाराज ने पवित्र छड़ी यात्रा के उद्देश्य की जानकारी देते हुए बताया पवित्र छड़ी यात्रा का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के समस्त देवी देवताओं का आह्वान कर उत्तराखंड व राष्ट्र की प्रगति उन्नति व विकास की कामना करना है। जिन जिन तीर्थ, सिद्ध पीठों व पौराणिक मंदिरों में पवित्र छड़ी पूजा अर्चना की जाती है। देवी देवताओं का आहवान किया जाता है और इस पवित्र छड़ी में सभी देवी देवता सूक्ष्म रूप से विराजमान होकर परिक्रमा में साथ चलते हैं। इसलिए यह पवित्र छड़ी जहां जहां से गुजरती है। वहां वहां समस्त देवी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

इसके साथ-साथ उपेक्षित हो रहे पौराणिक तीर्थों मंदिरों का जीर्णोद्धार कर उन्हें लोगों के सम्मुख लाना इस यात्रा का उद्देश्य है। ताकि इनके विकास के साथ-साथ स्थानीय युवकों को रोजगार मिल सके। पवित्र छड़ी पूजन में श्रीमहंत महेश पुरी, श्रीमहंत केदार पुरी, श्रीमहंत शैलेंद्र गिरी, श्रीमहंत मनोज गिरी, श्रीमहंत पूर्णागिरि, श्रीमंहत शिवदत्त गिरी, श्रीमहंत कुश पुरी, श्री महंत ग्वाला पुरी, महंत रतन गिरि, महंत धीरेंद्र पुरी, महंत पूर्णानंद गिरी तथा श्री महंत सिद्धेश्वर आदि मौजूद रहे।

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