संत समाज ने दी ब्रह्मलीन महंत रामानंद पुरी को श्रद्धांजलि

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राकेश वालिया


त्याग, तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति थे ब्रह्मलीन महंत रामानंद पुरी-श्रीमहंत रविंद्रपुरी
हरिद्वार, 1 फरवरी। श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में सभी तेरह अखाड़ों के संतों ने ब्रह्मलीन महंत रामानंद पुरी महाराज का भावपूर्ण स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत रामानंद पुरी महाराज त्याग, तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति थे। धर्म क्षेत्र के साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी उन्होंने अहम योगदान किया।

धर्म और शिक्षा के क्षेत्र में किए गए उनके कार्यो को सदैव याद स्मरण रखा जाएगा। निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने कहा कि परमार्थ के लिए जीवन समर्पित करने वाले ब्रह्मलीन महंत रामानंद पुरी महाराज तपस्वी संत थे। समाज को ज्ञान और अध्यात्म की प्रेरणा देने के साथ युवा पीढ़ी को शिक्षा के प्रति प्रेरित करने में उन्होंने हमेशा योगदान किया। सभी को उनके दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। भारत माता मंदिर के महंत महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत रामानंद पुरी महाराज उच्च शिक्षा प्राप्त विद्वान संत थे।

सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में उनका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। उनका त्यागमयी जीवन सदैव सभी को प्रेरणा देता रहेगा। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद व कोठारी महंत राघवेंद्र दास महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत रामानंद पुरी बेहद सरल स्वभाव के संत थे। विभिन्न सेवा प्रकल्पों के माध्यम से उन्होंने हमेशा समाज सेवा में योगदान किया। उन्होंने कहा कि संत शरीर त्यागते हैं। लेकिन उनकी आत्मा सदैव समाज का मार्गदर्शन करती है। ब्रह्मलीन महंत रामानंद पुरी महाराज के विचार और उनका कृतित्व सदैव सभी को प्रेरणा देता रहेगा।

वाघम्बरी गद्दी के महंत बलवीर गिरी महाराज ने संदेश भेजकर ब्रह्मलीन महंत रामानंद पुरी को दिव्य और महान बताते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। महंत रवि पुरी महाराज ने कहा कि मानव कल्याण के लिए सर्वस्व अर्पण करने वाले संत महापुरूषों के सानिध्य में ही भक्तों का कल्याण होता है। ब्रह्मलीन महंत रामानंद पुरी महाराज का पूरा जीवन मानव सेवा को समर्पित रहा। उनका असमय ब्रह्मलीन होना निरंजनी अखाड़े और संत समाज के लिए अपूर्णीय क्षति है। दिगम्बर राज गिरी ने सभी संत महंतों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। महंत मोहन सिंह, महंत तीर्थ सिंह, महंत निर्भय सिंह, दिगम्बर स्वामी राजगिरी, स्वामी आशुतोष पुरी, महंत राधेगिरी, स्वामी रवि वन, एसएमजेएन कालेज के प्राचार्य सुनील शर्मा, मनसा देवी मंदिर के ट्रस्टी अनिल शर्मा ने भी ब्रह्मलीन महंत रामानंद पुरी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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