तीर्थ स्थल पर पाप कर्म करने वालों को भोगनी पड़ती है नरक यातना-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

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अमरीश


हरिद्वार, 10 नवम्बर। श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार के तत्वावधान में कनखल राजघाट स्थित श्री राधा कृष्ण मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन श्रद्धालु भक्तों को कथा श्रवण कराते हुए भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने बताया कि जो लोग तीर्थों पर पाप कर्म करते हैं। उन्हें कई जन्मों तक नरक यातना भोगनी पड़ती है। पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने कहा कि मनुष्य योनि में जन्म लेने के उपरांत मन वाणी एवं कर्म से मनुष्य जाने अनजाने में पाप कर्म कर बैठता है।

इसकी निवृत्ति तीर्थों पर श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करनेे, दान पुण्य करने से हो जाती है। परंतु जो लोग तीर्थों पर जाकर भी पाप कर्म करते हैं। उनका पाप वज्र के समान कठोर हो जाता है। उन्हें अनेकों जन्मों तक नरक यातना भोगनी पड़ सकती है। कथाव्यास ने कथा के माध्यम से बताया कि तीर्थ पर जाकर अधिक से अधिक पुण्य कर्म करें। भूल से भी पाप कर्म ना करें। तीर्थों स्थलों पर शयन करना चाहिए। स्नान के उपरांत यज्ञ और दान पुण्य करना चाहिए। इसके बाद ही तीर्थ यात्रा का फल प्राप्त होता है।

मुख्य जजमान योगेश कुमार विश्नोई, ओम एसोसिएट के अध्यक्ष अर्चित अग्रवाल, समाज सेवी प्रशांत शर्मा, समाजसेवी कुलदीप वालिया, समाजसेवी निखिल बेनीवाल, राघव विश्नोई द्वारा भागवत पूजन किया गया।

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