कमल खडका
हरिद्वार, 15 सितम्बर। पूर्ति विभाग की जनविरोधी भेदभाव पूर्ण कार्यशैली के विरोध में भारत सेवा फाउंडेशन ने पूर्ति अधिकारी केके अग्रवाल को ज्ञापन सौंपा। बीएसएफ अध्यक्ष मनीष गुप्ता ने आरोप लगाया कि राशन उपभोक्ताओं को बायोमेट्रिक Manish Gupta उपस्थिति से राशन देना वर्तमान में विभाग द्वारा कोरोना महामारी को बढ़ावा देने के समान है।
कोरोना ग्रस्त उपभोक्ता द्वारा बायोमेट्रिक हाजिरी से राशन प्राप्त करने के पश्चात जितने भी उपभोक्ता उस मशीन पर बायोमेट्रिक उपस्थिति से राशन प्राप्त करेंगे तो कोरोना से ग्रस्त होने की पूरी संभावना है। जबकि सरकारी कर्मचारियों की प्रतिदिन उपस्थिति मैनुअल होती है। ताकि किसी भी सरकारी कर्मचारी को करोना न हो जाए। सरकारी कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए बायोमेट्रिक हाजिरी की व्यवस्था को हटाया जा चुका है।
इससे ऐसा लगता है कि प्रशासन को आम नागरिक के स्वास्थ्य की कोई चिंता नही है। महामंत्री मनोज ननकानी ने सुझाव दिया कि विभाग अगर राशन चोरी ही रोकना चाहता है तो सभी डीलरों के यहां सीसीटीवी कैमरे लगवाए। व्यापारी नेता ने डा.नीरज सिंघल ने कहा कि यदि विभाग का प्रबंधन मजबूत है तो डीलर राशन के एक दाने की हेराफेरी नहीं कर सकता। व्यापारी नेता संजय त्रिवाल ने बताया कि कुछ डीलर केवल चावल व गेहूं ही वितरण कर रहे हैं। दाल आदि का वितरण नहीं कर रहे डीलरों के विरुद्ध कार्यवाही करनी चाहिए।
पूर्ति अधिकारी केके अग्रवाल ने भारत सेवा फाउंडेशन को उच्च न्यायालय नैनीताल के निर्णय की प्रति देते हुए बताया कि हाईकोर्ट भी बायोमेट्रिक उपस्थिति से ही राशन वितरण के पक्ष में अपना निर्णय दे चुका है। विभाग उच्च न्यायालय के निर्णय का पालन कर रहा है। उन्होंने कहा कि मनमानी कर रहे राशन डीलरों के खिलाफ ठोस कार्यवाही की जाएगी। इस दौरान फाउंडेशन के अध्यक्ष मनीष गुप्ता, महामंत्री मनोज ननकानी, उपाध्यक्ष हरीश वलेचा, वरिष्ठ व्यापारी नेता डा.नीरज सिंघल एवं संजय त्रिवाल आदि मौजूद रहे।