राकेश वालिया
हरिद्वार, 27 मई। महामण्डलेश्वर स्वामी कमलानंद गिरी महाराज ने कहा है कि यदि जीवन को अपना भाग्य बदलना है तो उसे निरंतर परमात्मा स्मरण करना चाहिए। क्योंकि इस सृष्टि में ईश्वर ही भाग्य विधाता है। जो व्यक्ति को भवसागर से पार कर सकता है। भूपतवाला स्थित श्री कल्याण कमल आश्रम में निराश्रित परिवारों को खाद्य सामग्री वितरित करते हुए उन्होंने कहा कि हर संकट का एक दौर होता है। कोरोना महामारी का यह आपातकाल भी ईश्वरीय कृपा से जल्द समाप्त होगा। वर्तमान परिस्थितियों में सभी को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए घरों में रहकर ही प्रभु की भक्ति में लीन रहना चाहिए।
जब हम ईश्वर के बनेंगे तभी हमारी इच्छाएं पूर्ण करेंगे। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान गरीब, निराश्रितों पर रोजी रोटी का संकट गहरा गया है। ऐसे में सभी को मानवता का परिचय देते हुए गरीबों की सहायता करनी चाहिए। मिलजुल कर ही इस संकट का सामना किया जा जा सकता है। संत समाज प्रारम्भ काल से ही सेवा प्रकल्पों के माध्यमों से असहाय लोगों की मदद करता चला आ रहा है। गरीब, निर्धन, परिवारों की सेवा करना ही संत महापुरूषों का मूल उद्देश्य है और परोपकार से ही संतों की पहचान है।
स्वामी कमलानंद गिरी महाराज ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकारों के दिशा निर्देशों का पालन सच्ची निष्ठा के साथ किया जाए तो भारत कोरोना मुक्त होगा। परस्पर सहयोग से इस संकट की घड़ी को दूर किया जा सकता है। मानव कल्याण में किए गए परोपकार अवश्य ही पुण्य लाभ प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि संकट के इस दौर में अपने घरों में रहकर प्रभु भक्ति में अपना समय बिताना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुरूपूर्णिमा पर सभी श्रद्धालु भक्त अपने अपने घरों में अपने गुरू की प्रतिमा पर ही पुष्प अर्पित कर गुरूपर्व सादगी से मनायें। जिससे कोरोना महामारी से बचा जा सके।