हरिद्वार, 11 अक्तूबर। बड़ी रामलीला में गुरुवार को सेतु बन्ध, अंगद रावण संवाद और लक्ष्मण शक्ति लीला का मंचन किया गया। कलाकारों के भावपूर्ण अभिनय से दर्शक भावविभोर हो गए। रामलीला देखने के लिए देर रात्रि तक लोगों की भीड़ जमा रही। लीला में दिखाया गया कि रावण के दरबार में शांतिदूत के रूप में पहुंचे अंगद ने रावण को राम से बैर त्याग कर सीता को वापस करने की सलाह दी। लेकिन रावण को सलाह समझ में नहीं आई। तब अंगद ने रावण के दरबार में अपना पैर जमा कर चुनौती देते हुए कहा कि दरबार में यदि कोई मेरा पैर हटा देगा तो श्रीराम की सेना बिना युद्ध किए खाली हाथ लौट जाएगी।
पूरे दरबारी जोर लगते हैं। इसके बाद भी कोई वीर अंगद का पैर तक नहीं हिला सका। अंत में स्वयं रावण उठता है, तो अंगद अपना पैर हटाकर कहते हैं कि मेरा पैर क्यों पकड़ते हा,े जाकर श्रीराम के चरण पकड़ो तो कल्याण होगा। अंगद ने वापस लौटकर श्रीराम से सारा वृतांत बताया और युद्ध की दुंदुभी बज उठती है। रावण की ओर से सेनापति मेघनाद और लक्ष्मण में घनघोर युद्ध होता है। अंत में मायावी मेघनाद के शक्ति बाण से लक्ष्मण मूर्छित हो जाते हैं। इससे रामदल में शोक की लहर दौड़ जाती है। लंका के वैद्यराज सुषेन ने बताया कि लक्ष्मण का उपचार अत्यंत मुश्किल है। अगली सुबह तक द्रोणागिरी पर्वत से संजीवनी बूटी लाकर पिलाने के बाद ही लक्ष्मण के प्राण बच सकते हैं।
यह सुनकर हनुमान बूटी लाने चल देते हैं। इस अवसर पर बड़ी रामलीला में मंचन का अवलोकन करने पहुंचने वालों में गरीबदासीय आश्रम के महंत रविदेव शास्त्री, शैलेश मोदी, रानीपुर विधायक आदेश चौहान तथा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन महारा रहे। जिनका स्वागत कमेटी के अध्यक्ष वीरेन्द्र चडढा ट्रस्ट के अध्यक्ष सुनील भसीन, मंत्री रविकांत एवं महाराज कृष्ण सेठ, कोषाध्यक्ष रविन्द्र अग्रवाल, उपाध्यक्ष विनय सिंघल, जिला उपभोक्ता आयोग की पूर्व सदस्या अंजना चडढा, पवन शर्मा, ऋषभ मल्होत्रा, राहुल वशिष्ठ, दर्पण चडढा, विकास सेठ, सुरेंद्र अरोड़ा, कन्हैया खेवडिया, विशाल गोस्वामी, सुनील वधावन आदि ने किया तथा मंचन को सफल बनाने में मुख्य निर्देशक भगवत शर्मा मुन्ना, सहायक निर्देशक मनोज सहगल, संगीत निर्देशक विनोद नयन तथा सहायक संगीत निर्देशक साहिल मोदी का अथक परिश्रम रहा। मंच संचालन डा.संदीप कपूर ने किया। श्री रामलीला कमेटी द्वारा शनिवार 12 अक्तूबर को शाम 4 बजे से रोड़ीबेल वाला मैदान में भव्य दशहरे मेले का आयोजन किया जाएगा। दशहरा मेले में 70 फीट के रावण के पुतले और 60 फुट का मेघनाद के पुतले का दहन किया जाएगा।